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हाई कोर्ट से मेडिकल एसोसिएशन को झटका, जेनरिक दवा लिखने और जबरन  टेस्ट न कराने का फैसला बरकरार - Nainital High Court

नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश भर के अस्पतालों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को आदेश दिये थे,  कि सरकारी अस्पताल के चिकित्सक मरीजों को सिर्फ जेनरिक दवा ही लिखेंगे और मरीजों को जबरन मेडिकल टेस्ट के लिये नहीं कहेंगे.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Feb 16, 2019, 10:36 AM IST

नैनीताल: हाई कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को बडा झटका लगा है, नीताल हाई कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उस याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें कोर्ट ने पूर्व मे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को मरीजों के दवा के पर्चे मे जेनरिक दवा लिखने और जबरन मेडिकल टेस्ट न कराने के आदेश दिये. वहीं कोर्ट ने स्पष्ट आदेश भी दिए हैं कि इस मामले मे कोई भी पुन:विचार याचिका दायर नहीं की जायगी.


बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश भर के अस्पतालों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को आदेश दिये थे, कि सरकारी अस्पताल के चिकित्सक मरीजों को सिर्फ जेनरिक दवा ही लिखेंगे और मरीजों को जबरन मेडिकल टेस्ट के लिये नहीं कहेंगे. जिसको लेकर पूर्व मे कोर्ट ने हिमालयन रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिवीयू याचिका को खारिज कर चुकी है. हिमालयन इंस्टीट्यूट की रिवीयू याचिका के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से पुन: विचार याचिका दायर की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका दायर कर कोर्ट से कहा था कि मरीज को कौन सी दवा देनी है ये चिकित्सकों के विवेक पर निर्भर है.

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पढ़ें-क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में निजी चिकित्सकों ने की हड़ताल, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया. वहीं एसोसिएशन के पास अब केवल सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन,ओर न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की खण्ड पीठ मे हुई.

नैनीताल: हाई कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को बडा झटका लगा है, नीताल हाई कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उस याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें कोर्ट ने पूर्व मे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को मरीजों के दवा के पर्चे मे जेनरिक दवा लिखने और जबरन मेडिकल टेस्ट न कराने के आदेश दिये. वहीं कोर्ट ने स्पष्ट आदेश भी दिए हैं कि इस मामले मे कोई भी पुन:विचार याचिका दायर नहीं की जायगी.


बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश भर के अस्पतालों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को आदेश दिये थे, कि सरकारी अस्पताल के चिकित्सक मरीजों को सिर्फ जेनरिक दवा ही लिखेंगे और मरीजों को जबरन मेडिकल टेस्ट के लिये नहीं कहेंगे. जिसको लेकर पूर्व मे कोर्ट ने हिमालयन रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिवीयू याचिका को खारिज कर चुकी है. हिमालयन इंस्टीट्यूट की रिवीयू याचिका के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से पुन: विचार याचिका दायर की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका दायर कर कोर्ट से कहा था कि मरीज को कौन सी दवा देनी है ये चिकित्सकों के विवेक पर निर्भर है.

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मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया. वहीं एसोसिएशन के पास अब केवल सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन,ओर न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की खण्ड पीठ मे हुई.

Intro:स्लग-नोटीस

रेपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर-नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश का पालन ना करने के मामले मे कोर्ट ने वित्त सचिव अमित नेगी,निर्देशक लेखा परीक्षा सविंन बंसल को अवमानना नोटीश जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिये है,,,


Body:आपको बता दे की नैनीताल निवशी बहादुर सिंह बिष्ट ने व महिपाल सिंह ने हाई कोर्ट मे अवमानना याचिका दायर कर कहा है की कोर्ट ने पुर्व मे उनको जिला लेखा अधिकारी के पद मे पदोन्नत करने के आदेश दिये थे लेकिन विभाग ने कोर्ट के आदेश का पालन नही करा,,


Conclusion:साथ ही याचिका कर्ता का कहना है की ललित मोहन सिंग व अन्य ने भी इस मामले मे 2015मे याचिका दायर की है,जिस पर भी विचार होना है, कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 12अक्टोबर को आदेश दिये की सरकार सभी को 31दिसंबर तक नियुक्ति दे,,,
लेकिन आज तक किसी को नियुक्ति नही दी जिसके बाद कोर्ट ने आदेश का पालन ना होने पर वित्त सचिव ओर निर्देशक लेखा परीक्षा के खिलाफ अवमानना नोटीश जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिये है

बाईट- पी सी ताकुली,अधिवक्ता यचिककर्ता

नोट-कितने समय मे जवाब देना है ये स्पस्ट नही है।
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