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टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर रोक जारी, हाईकोर्ट में सरकार ने आज जवाब किया पेश

नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. आज सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया.

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Published : Apr 21, 2023, 7:14 PM IST

नैनीताल: प्रदेश में टेट्रा पैक में शराब की बिक्री को लेकर आज शुक्रवार 21 अप्रैल को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई में आज भी राज्य सरकार को कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर अगली सुनवाई तक रोक जारी रखी है. अगली सुनवाई सोमवार 24 अप्रैल को होगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट में राज्य में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर रोक लगाने लगाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार की इस नीति पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि वेस्ट निवारण के लिए सरकार क्या कदम उठा सकती है? जिसको लेकर आज राज्य सरकार ने कोर्ट ने अपना जवाब पेश किया.

सरकार ने अपने शपथ पत्र में कहा वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है. उन्हें अपना पक्ष रखने का समय दिया जाए. सरकार के प्लान के मुताबिक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कहा गया कि चारधाम यात्रा में सरकार प्रत्येक वाटर बॉटल और प्लास्टिक युक्त पैक सामग्री पर क्यूआर कोड लगा रही है. उसी के तर्ज पर प्रत्येक टेट्रा पैक पर भी क्यूआर कोड लगाए जाएं. इस नियम के तहत विक्रेता ग्राहक से निर्धारित मूल्य से दस रुपये अधिक लेगा और ये दस रुपए उसे तभी वापस मिलेगे, जब इस्तेमाल के बाद उसे वापस करेगा. ताकि वे इस वेस्ट को संबंधित कंपनियों, नगर पालिकाओं और अन्य रीसाइक्लिंग सेंटरों में भेज सके.
ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमित 5 महीने की बच्ची की मौत, निमोनिया और गैस्ट्रो की शिकायत भी थी

क्यूआर कोड नहीं होने से उपभोक्ता वेस्ट को प्रदेश के किसी कोने में फेंक देते है. जिसकी वजह से पर्यावरण काफी को नुकसान हो रहा है. पर्यावरण को बचाने का यहीं सबसे बड़ा उपाय है. प्रदेश में प्रति वर्ष 10 करोड़ टेट्रा पैकों को की खपत है, जिसको आज तक नहीं उठाया गया.

मामले के चंपावत निवासी याचिकाकर्ता नरेश चंद्र की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि सरकार की नई आबकारी नीति अनुसार शराब के 200 एमएल के पैक को टेट्रा पैक में बेचने की योजना है. ये सरकार के प्लास्टिक वेस्ट नियमावली के विरुद्ध है. इसकी वजह से पर्यावरण को भारी नुकसान होगा. याचिकाकर्ता की ओर से इस पर रोक लगाने की मांग की गयी. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया सरकार एक ओर तो प्लास्टिक कूड़े पर रोक नहीं लगा पा रही है. दूसरी तरफ टेट्रा पैकों में शराब बेचने की अनुमति भी दे रही है, जिसकी वजह से प्रदूषण और बढ़ेगा.

नैनीताल: प्रदेश में टेट्रा पैक में शराब की बिक्री को लेकर आज शुक्रवार 21 अप्रैल को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई में आज भी राज्य सरकार को कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर अगली सुनवाई तक रोक जारी रखी है. अगली सुनवाई सोमवार 24 अप्रैल को होगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट में राज्य में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर रोक लगाने लगाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार की इस नीति पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि वेस्ट निवारण के लिए सरकार क्या कदम उठा सकती है? जिसको लेकर आज राज्य सरकार ने कोर्ट ने अपना जवाब पेश किया.

सरकार ने अपने शपथ पत्र में कहा वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है. उन्हें अपना पक्ष रखने का समय दिया जाए. सरकार के प्लान के मुताबिक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कहा गया कि चारधाम यात्रा में सरकार प्रत्येक वाटर बॉटल और प्लास्टिक युक्त पैक सामग्री पर क्यूआर कोड लगा रही है. उसी के तर्ज पर प्रत्येक टेट्रा पैक पर भी क्यूआर कोड लगाए जाएं. इस नियम के तहत विक्रेता ग्राहक से निर्धारित मूल्य से दस रुपये अधिक लेगा और ये दस रुपए उसे तभी वापस मिलेगे, जब इस्तेमाल के बाद उसे वापस करेगा. ताकि वे इस वेस्ट को संबंधित कंपनियों, नगर पालिकाओं और अन्य रीसाइक्लिंग सेंटरों में भेज सके.
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क्यूआर कोड नहीं होने से उपभोक्ता वेस्ट को प्रदेश के किसी कोने में फेंक देते है. जिसकी वजह से पर्यावरण काफी को नुकसान हो रहा है. पर्यावरण को बचाने का यहीं सबसे बड़ा उपाय है. प्रदेश में प्रति वर्ष 10 करोड़ टेट्रा पैकों को की खपत है, जिसको आज तक नहीं उठाया गया.

मामले के चंपावत निवासी याचिकाकर्ता नरेश चंद्र की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि सरकार की नई आबकारी नीति अनुसार शराब के 200 एमएल के पैक को टेट्रा पैक में बेचने की योजना है. ये सरकार के प्लास्टिक वेस्ट नियमावली के विरुद्ध है. इसकी वजह से पर्यावरण को भारी नुकसान होगा. याचिकाकर्ता की ओर से इस पर रोक लगाने की मांग की गयी. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया सरकार एक ओर तो प्लास्टिक कूड़े पर रोक नहीं लगा पा रही है. दूसरी तरफ टेट्रा पैकों में शराब बेचने की अनुमति भी दे रही है, जिसकी वजह से प्रदूषण और बढ़ेगा.

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