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हल्द्वानी ISBT निर्माण मामले में हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, राज्य सरकार से मांगा जवाब - नैनीताल हाईकोर्ट आईएसबीटी निर्माण मामले में सरकार से जवाब

हल्द्वानी के आईएसबीटी निर्माण मामले में हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 3 हफ्ते के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

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नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Oct 17, 2020, 4:09 PM IST

नैनीतालः हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी निर्माण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से अपना जवाब पेश न करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही राज्य सरकार को एक बार फिर से अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से साल 2008-09 में गौलापार क्षेत्र में आईएसबीटी (ISBT) बनाने का फैसला किया गया था. जिसके बाद बस अड्डे निर्माण के लिए सर्वे का काम पूरा कर 8 हेक्टेयर वन भूमि का चयन भी कर लिया गया. जिसमें केंद्र सरकार ने अपनी संस्तुति भी राज्य सरकार को दी थी. जिसके बाद इस 8 हेक्टेयर वन भूमि से करीब 2625 पेडों को काट दिया गया और क्षेत्र में बन रहे आईएसबीटी निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से करीब 11 करोड़ रुपये भी खर्च कर दिए.

नैनीताल हाईकोर्ट आईएसबीटी निर्माण मामले में सरकार से मांगा जवाब.

ये भी पढ़ेंः हल्द्वानी: ISBT शिफ्टिंग और निर्माण में देरी को लेकर धरना प्रदर्शन

याचिकाकर्ता का कहना है कि इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने साल 2018 में आईएसबीटी निर्माण के लिए चयनित क्षेत्र को बगैर किसी कारण के बदल कर हल्द्वानी के तीन पानी क्षेत्र में 10 हेक्टेयर भूमि का चयनित किया. साथ ही इस क्षेत्र में आईएसबीटी निर्माण के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा. जिस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मांग की है कि हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी का निर्माण किया जाए. वहीं, मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 3 हफ्ते के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने को कहा है.

नैनीतालः हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी निर्माण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से अपना जवाब पेश न करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही राज्य सरकार को एक बार फिर से अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से साल 2008-09 में गौलापार क्षेत्र में आईएसबीटी (ISBT) बनाने का फैसला किया गया था. जिसके बाद बस अड्डे निर्माण के लिए सर्वे का काम पूरा कर 8 हेक्टेयर वन भूमि का चयन भी कर लिया गया. जिसमें केंद्र सरकार ने अपनी संस्तुति भी राज्य सरकार को दी थी. जिसके बाद इस 8 हेक्टेयर वन भूमि से करीब 2625 पेडों को काट दिया गया और क्षेत्र में बन रहे आईएसबीटी निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से करीब 11 करोड़ रुपये भी खर्च कर दिए.

नैनीताल हाईकोर्ट आईएसबीटी निर्माण मामले में सरकार से मांगा जवाब.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने साल 2018 में आईएसबीटी निर्माण के लिए चयनित क्षेत्र को बगैर किसी कारण के बदल कर हल्द्वानी के तीन पानी क्षेत्र में 10 हेक्टेयर भूमि का चयनित किया. साथ ही इस क्षेत्र में आईएसबीटी निर्माण के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा. जिस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मांग की है कि हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी का निर्माण किया जाए. वहीं, मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 3 हफ्ते के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने को कहा है.

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