नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की दिसंबर 2021 में हुई वीपीडीओ की भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले (UKSSSC paper leak) में कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सरकार से पूछा है कि UKSSSC की परीक्षा में (Nainital HC seeks state government response) किस-किस की नियुक्ति कैसे-कैसे हुई, उसका पूरा चार्ट बनाकर कोर्ट में 21 सितंबर से पहले जवाब पेश करें. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी प्रार्थना पत्र में संशोधन कर एक सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है.
नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख तय की है. पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से ये बताने को कहा था कि वो इस मामले की जांच सीबीआई से क्यों कराना चाहते हैं, और उनको एसटीएफ की जांच पर क्यों संदेह हो रहा है? इसका जवाब देने के लिए याचिकाकर्ता ने एक हफ्ते का समय और मांग लिया है.
मामले के अनुसार, खटीमा से कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि UKSSSC पेपर लीक मामले में एसटीएफ जांच सही तरीके से नहीं कर रही है. अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं वो छोटे लोगों की हुई हैं जबकि इतिहास रचने वाले बड़े लोगों तक एसटीएफ के हाथ अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं. इसमें यूपी व उत्तराखंड के कई बड़े अधिकारी व नेता शामिल हैं. सरकार उनको बचा रही है. इसलिए इस मामले की जांच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए.
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बता दें, साल 2021 में यह परीक्षा हुई थी. 22 जुलाई, 2022 को अनु सचिव राजन नैथानी ने रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. एफआईआर में कहा गया था कि व्हाट्सअप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रश्न हल कराए गए थे. एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जांच की शुरुआत की, जो सही पाई गई और जिसमें अब तक 38 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं.