नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस की प्रारम्भिक परीक्षा में न्यूनतम कट ऑफ अंक प्राप्त तीन अभ्यर्थियों को अगस्त माह में होने वाली मुख्य परीक्षा में प्रोविजनली शामिल होने की अनुमति देने के आदेश आयोग को दिए हैं.
इस मामले में नीलेश बिष्ट व दो अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर बताया कि खाद्य प्रसंस्करण एव उद्यान विभाग में सहायक निदेशक रसायन के पद हेतु उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर इस पद की योग्यता सम्बंधित विषय में एमएससी निर्धारित की थी. रसायन विज्ञान में एमएससी होने की योग्यता के आधार पर उन्होंने इस पद के लिये आवेदन किया और प्राम्भिक परीक्षा में कट ऑफ अंक प्राप्त किये.
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वहीं, प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम कट ऑफ 63.5 अंक प्राप्त अभ्यर्थियों को अगस्त माह में होने वाली मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिये अर्ह माना लेकिन उनके भी इतने ही अंक हैं और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इस बारे में आयोग का तर्क है कि इस पद की योग्यता सम्बंधित विषय में एमएससी है और सम्बंधित विषय क्या है इस बारे में सरकार से पूछा गया है.
जबकि, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सहायक निदेशक रसायन के लिये सम्बंधित विषय में एमएससी योग्यता रखी गई थी और वे रसायन में एमएससी हैं और प्रारंभिक परीक्षा होने के बाद शासन से पूछने का क्या औचित्य है. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य लोक सेवा आयोग से याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की प्रोविजनली अनुमति देने को कहा है. साथ ही सम्बंधित पक्षों से जबाव भी मांगा गया है.