नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य के डेयरी फेडरेशन की बैठक तत्काल कराने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एकलपीठ के फैसले को सही माना है. हाईकोर्ट ने भी माना है कि मूल कोरम का 50 प्रतिशत सदस्य होने के बाद भी बैठक की जा सकती है. मामले के अनुसार डेयरी फडरेशन में साल 2019 के बाद कोई बैठक नहीं हुई है. अब हाईकोर्ट ने एमडी डेयरी फेडरेशन की स्पेशल अपील को खारिज कर कहा है कि स्थगित बैठक नियम 98 के तहत मूल कोरम का 50 प्रतिशत होने पर भी बैठक की जा सकती है.
5 जनवरी 2022 को डेयरी फेडरेशन ने कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देते हुए बैठक स्थगित कर दी थी, जिसको अल्मोड़ा दुग्ध संघ सदस्य दिनेश डांगी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. एकलपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए बैठक कराने के आदेश दिए. लेकिन एमडी दुग्ध फेडरेशन ने कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देते हुए एकलपीठ के आदेश को स्पेशल अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी. हाईकोर्ट से स्पेशल अपील खारिज होने के बाद अब बोर्ड की मीटिंग होना अनिवार्य है. शेष कार्यकाल के लिए अन्य सदस्यों की नियुक्ति भी हो सकेगी, ताकि बोर्ड भी सुचारू रूप से चल सके.
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याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि यह दुर्भाग्य है कि साल 2018 में निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल प्रारंभ होने के समय से डेयरी फेडरेशन ने अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करने की अनुमति नहीं दी गई है. प्रतिनिधियों/सदस्यों ने वास्तव में अपना इस्तीफा दिया या नहीं, हम उस विवाद में नहीं पड़ रहे हैं. तथ्य यह है कि 4 निर्वाचित प्रतिनिधि पद पर बने रहते हैं. और संख्या में 4 होने के कारण बैठक अभी भी आयोजित की जा सकती है, क्योंकि उक्त 4 निर्वाचित प्रतिनिधि/सदस्य अन्य मनोनीत सदस्यों के साथ बैठक आयोजित करने के लिए पर्याप्त हैं.