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हल्द्वानी डीएम ने पेश की मिसाल, अपने खर्च पर अनाथ छात्रा का करवाया एडमिशन

अनाथ लड़की का बीएससी नर्सिंग में दाखिला करवाकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने न सिर्फ एक मिसाल पेश की है, बल्कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान को आगे भी बढ़ाया है.

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अधिकारी के साथ कोमल राणा
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Published : Oct 12, 2020, 5:40 PM IST

हल्द्वानी: काठगोदाम निवासी बालिका कोमल राणा ने कुछ साल पहने अपना माता-पिता को खो दिया था. इन हालात में भी उसने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की. कोमल आगे भी पढ़ना चाहती है, लेकिन उसके हालात साथ नहीं दे रहे है. ऐसे में कोमल ने जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल से मदद की गुहार लगाई थी. जिसके बाद जिलाधिकारी बंसल ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए कोमल की पढ़ाई का बीड़ा उठाया. जिलाधिकारी बंसल ने कोमल का हल्द्वानी के एक निजी कॉलेज में बीएससी नर्सिंग में दाखिला कराया है. जिलाधिकारी ने कोमल के चार साल की फीस ढाई लाख रुपए भी कॉलेज में जमा कर दिए है.

पढ़ें- देवहा नदी किनारे किया जा रहा अवैध खनन, पुलिस ने शुरू की 'पहरेदारी'

कोमल ने जिलाधिकारी को बताया था कि वो अनाथ है. वह अपने जीवन में कठनाइयों का सामना कर रही है. वह 12वीं के बाद भी आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं है. उसे जिलाधिकारी से बीएससी नर्सिंग में दाखिला लेने की इच्छा जताई थी.

जिलाधिकारी ने कोमल से वादा किया था कि वे उसकी शिक्षा नहीं रुकने देगे. जिलाधिकारी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी रामनगर शिल्पा जोशी को निर्देशित कर कोमल राणा का पाल नर्सिंग काॅलेज में चार वर्षीय कोर्स में दाखिल करवाकर अपना वादा पूरा किया. जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि कोमल की ड्रेस एवं किताबों का खर्च बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना से वहन किया जायेगा.

हल्द्वानी: काठगोदाम निवासी बालिका कोमल राणा ने कुछ साल पहने अपना माता-पिता को खो दिया था. इन हालात में भी उसने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की. कोमल आगे भी पढ़ना चाहती है, लेकिन उसके हालात साथ नहीं दे रहे है. ऐसे में कोमल ने जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल से मदद की गुहार लगाई थी. जिसके बाद जिलाधिकारी बंसल ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए कोमल की पढ़ाई का बीड़ा उठाया. जिलाधिकारी बंसल ने कोमल का हल्द्वानी के एक निजी कॉलेज में बीएससी नर्सिंग में दाखिला कराया है. जिलाधिकारी ने कोमल के चार साल की फीस ढाई लाख रुपए भी कॉलेज में जमा कर दिए है.

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कोमल ने जिलाधिकारी को बताया था कि वो अनाथ है. वह अपने जीवन में कठनाइयों का सामना कर रही है. वह 12वीं के बाद भी आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं है. उसे जिलाधिकारी से बीएससी नर्सिंग में दाखिला लेने की इच्छा जताई थी.

जिलाधिकारी ने कोमल से वादा किया था कि वे उसकी शिक्षा नहीं रुकने देगे. जिलाधिकारी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी रामनगर शिल्पा जोशी को निर्देशित कर कोमल राणा का पाल नर्सिंग काॅलेज में चार वर्षीय कोर्स में दाखिल करवाकर अपना वादा पूरा किया. जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि कोमल की ड्रेस एवं किताबों का खर्च बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना से वहन किया जायेगा.

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