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World Population Day: नैनीताल में परिवार नियोजन में पुरुष पीछे, जागरूक करने की जरूरत

आज विश्व जनसंख्या दिवस है. जिसका मुख्य उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण करना है.

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Published : Jul 11, 2021, 9:35 AM IST

World Population Day
World Population Day

हल्द्वानी: हर साल 11 जुलाई यानी आज विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाने का उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण करना है. लेकिन भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार गंभीर है और इस पर कानून लाया जा सकता है. जिसकी मांग समय-समय पर उठती रही है, जिससे बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण पाया जा सके. लेकिन बात उत्तराखंड की करें तो उत्तराखंड की जनसंख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. बात परिवार नियोजन की करें तो उत्तराखंड में परिवार नियोजन के मामले में पुरुषों की भागीदारी महिलाओं की तुलना में 4 से 5% ही है.

जनसंख्या नियंत्रण में परिवार नियोजन का सबसे बड़ा योगदान माना जाता है, लेकिन उत्तराखंड में जनसंख्या नियंत्रण के मामले में सबसे ज्यादा भागीदारी महिलाओं की है. जिसमें नसबंदी के मामले में 4 से 5% ही पुरुषों की भागीदारी है, जबकि नसबंदी के मामले में 96% महिलाओं की भागीदारी है.

बात उत्तराखंड की परिवार नियोजन की करें तो उत्तराखंड बनने से लेकर अभी तक करीब 5 लाख 29 हजार 500 महिलाओं और पुरुषों ने नसबंदी कराई है, जिसमें 4 लाख 94 हजार 250 महिलाएं जबकि 35 हजार 250 पुरुषों ने नसबंदी कराई है.

पढ़ें-पर्यटकों ने हरकी पैड़ी की गरिमा को किया तार-तार

वहीं नैनीताल जिले के पुरुष भी नसबंदी के मामले में काफी पीछे हैं. वर्ष 2021 में जहां 990 महिलाओं ने नसबंदी कराई तो वही 13 पुरुषों ने नसबंदी कराई. इस वर्ष अप्रैल माह से लेकर जून माह तक 2 पुरुष 1 जबकि, 29 महिलाओं का अभी तक नसबंदी हुआ है.

पढ़ें-केजरीवाल के फ्री बिजली मुद्दे पर CM धामी का जवाब, जनता के लिए जो अच्छा होगा करेंगे

मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल भागीरथी जोशी का कहना है कि परिवार नियोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. कोविड-19 के चलते हैं परिवार नियोजन के मामले में कुछ कमी आई है. परिवार नियोजन के लिए जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ पुरुषों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो इसको लेकर पुरुष समाज को भी जागरूक किया जा रहा है. जिससे पुरुष ज्यादा से ज्यादा नसबंदी के लिए आगे आ सके, जिससे की बढ़ती जनसंख्या पर भी रोक लग सके.

हल्द्वानी: हर साल 11 जुलाई यानी आज विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाने का उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण करना है. लेकिन भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार गंभीर है और इस पर कानून लाया जा सकता है. जिसकी मांग समय-समय पर उठती रही है, जिससे बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण पाया जा सके. लेकिन बात उत्तराखंड की करें तो उत्तराखंड की जनसंख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. बात परिवार नियोजन की करें तो उत्तराखंड में परिवार नियोजन के मामले में पुरुषों की भागीदारी महिलाओं की तुलना में 4 से 5% ही है.

जनसंख्या नियंत्रण में परिवार नियोजन का सबसे बड़ा योगदान माना जाता है, लेकिन उत्तराखंड में जनसंख्या नियंत्रण के मामले में सबसे ज्यादा भागीदारी महिलाओं की है. जिसमें नसबंदी के मामले में 4 से 5% ही पुरुषों की भागीदारी है, जबकि नसबंदी के मामले में 96% महिलाओं की भागीदारी है.

बात उत्तराखंड की परिवार नियोजन की करें तो उत्तराखंड बनने से लेकर अभी तक करीब 5 लाख 29 हजार 500 महिलाओं और पुरुषों ने नसबंदी कराई है, जिसमें 4 लाख 94 हजार 250 महिलाएं जबकि 35 हजार 250 पुरुषों ने नसबंदी कराई है.

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वहीं नैनीताल जिले के पुरुष भी नसबंदी के मामले में काफी पीछे हैं. वर्ष 2021 में जहां 990 महिलाओं ने नसबंदी कराई तो वही 13 पुरुषों ने नसबंदी कराई. इस वर्ष अप्रैल माह से लेकर जून माह तक 2 पुरुष 1 जबकि, 29 महिलाओं का अभी तक नसबंदी हुआ है.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल भागीरथी जोशी का कहना है कि परिवार नियोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. कोविड-19 के चलते हैं परिवार नियोजन के मामले में कुछ कमी आई है. परिवार नियोजन के लिए जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ पुरुषों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो इसको लेकर पुरुष समाज को भी जागरूक किया जा रहा है. जिससे पुरुष ज्यादा से ज्यादा नसबंदी के लिए आगे आ सके, जिससे की बढ़ती जनसंख्या पर भी रोक लग सके.

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