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लॉकडाउन: नैनीझील का पानी 30 फीसदी हुआ साफ, दिखने लगी मछलियां

लॉकडाउन के चलते नैनी झील 30% साफ हुई है. साथ ही 30 फिट की गहराई तक मछली और झील का तल साफ दिखाई दे रहा है.

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नैनी झील
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Published : Apr 26, 2020, 2:08 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 5:02 PM IST

नैनीतालः कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन दूसरी ओर लॉकडाउन के बाद देशभर की नदियां, झील, तालाब, पोखर समेत वातावरण काफी साफ हो गया है. नैनीताल और भीमताल समेत आसपास के सभी झीलों की बात करें तो यहां पानी करीब 30% तक साफ हो गया है. जो काफी अच्छा संकेत माना जा रहा है.

नैनीझील का पानी 30 फीसदी हुआ साफ.

नैनीताल की विश्व प्रसिद्ध नैनी झील करीब 30 फीसदी तक साफ हो गई है. जिससे नैनी झील करीब 30 फीट तक की गहराई तक मछलियां साफ दिखाई दे रही है. लॉकडाउन की वजह से इन दिनों नैनीताल में गाड़ियों का संचालन और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है. जिस वजह से झील का पानी साफ हुआ है.

जानकार बताते हैं कि साल भर यहां पर्यटक समेत बाहर से आने वाले लोगों की आमद रहती है. ऐसे में होटलों, लॉजों से निकलने वाला गंदा पानी, कूड़ा नैनी झील में जाता था. जिस वजह से झील लगातार प्रदूषित होती थी, लेकिन इन दिनों नैनीताल में सन्नाटा पसरा हुआ है. जिसका असर अब नैनी झील में भी दिखने लगा है.

ये भी पढ़ेंः लौटने लगी देश के अंतिम गांवों की 'रौनक, गांव लौटने लगे नीति और माणा घाटी के लोग

आजादी के बाद पहली बार साफ दिखी पानी

जानकारों का मानना है कि आजादी के बाद नैनी झील पहली बार इतनी साफ देखी गई है. वहीं, इस बार नैनी झील का जलस्तर भी बीते साल के मुकाबले करीब 4 फिट ज्यादा है. क्योंकि, लॉकडाउन के चलते झील के पानी की खपत कम हुई है और आने वाले समय में नैनीताल वासियों को पीने के पानी की किल्लत नहीं होगी.

पीएच और हार्डनेस में भी आई कमी

वहीं, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार उपाध्याय बताते हैं कि इन दिनों झील बेहद साफ होने लगी है. पानी का पीएच लेवल (प्रजेंट ऑफ हाइड्रोजन) की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. पहले नैनी झील के पानी का पीएच लेवल 8.50 मिलीग्राम/लीटर था, जो अब 7.9 मिलीग्राम/लीटर हो चुका है.

पानी के हार्डनेस में भी इस दौरान काफी अंतर आया है. पहले पानी की हार्डनेस 390 मिलीग्राम प्रति लीटर थी, जो अब 350 ग्राम प्रति मिलीलीटर है. वहीं, पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व सॉलिड) की मात्रा पहले 450 एमएमटी था, जो अब 350 रह गई है.

वहीं, लॉकडाउन से पहले झील के पानी में बैक्टीरियल इंफेक्शन की मात्रा 6500 मिलीग्राम/लीटर थी, जो अब 4200 रह गई है. जबकि, झील में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ने लगी है. जिससे लेक की हेल्थ में सुधार देखा जा रहा है.

नैनीतालः कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन दूसरी ओर लॉकडाउन के बाद देशभर की नदियां, झील, तालाब, पोखर समेत वातावरण काफी साफ हो गया है. नैनीताल और भीमताल समेत आसपास के सभी झीलों की बात करें तो यहां पानी करीब 30% तक साफ हो गया है. जो काफी अच्छा संकेत माना जा रहा है.

नैनीझील का पानी 30 फीसदी हुआ साफ.

नैनीताल की विश्व प्रसिद्ध नैनी झील करीब 30 फीसदी तक साफ हो गई है. जिससे नैनी झील करीब 30 फीट तक की गहराई तक मछलियां साफ दिखाई दे रही है. लॉकडाउन की वजह से इन दिनों नैनीताल में गाड़ियों का संचालन और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है. जिस वजह से झील का पानी साफ हुआ है.

जानकार बताते हैं कि साल भर यहां पर्यटक समेत बाहर से आने वाले लोगों की आमद रहती है. ऐसे में होटलों, लॉजों से निकलने वाला गंदा पानी, कूड़ा नैनी झील में जाता था. जिस वजह से झील लगातार प्रदूषित होती थी, लेकिन इन दिनों नैनीताल में सन्नाटा पसरा हुआ है. जिसका असर अब नैनी झील में भी दिखने लगा है.

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आजादी के बाद पहली बार साफ दिखी पानी

जानकारों का मानना है कि आजादी के बाद नैनी झील पहली बार इतनी साफ देखी गई है. वहीं, इस बार नैनी झील का जलस्तर भी बीते साल के मुकाबले करीब 4 फिट ज्यादा है. क्योंकि, लॉकडाउन के चलते झील के पानी की खपत कम हुई है और आने वाले समय में नैनीताल वासियों को पीने के पानी की किल्लत नहीं होगी.

पीएच और हार्डनेस में भी आई कमी

वहीं, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार उपाध्याय बताते हैं कि इन दिनों झील बेहद साफ होने लगी है. पानी का पीएच लेवल (प्रजेंट ऑफ हाइड्रोजन) की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. पहले नैनी झील के पानी का पीएच लेवल 8.50 मिलीग्राम/लीटर था, जो अब 7.9 मिलीग्राम/लीटर हो चुका है.

पानी के हार्डनेस में भी इस दौरान काफी अंतर आया है. पहले पानी की हार्डनेस 390 मिलीग्राम प्रति लीटर थी, जो अब 350 ग्राम प्रति मिलीलीटर है. वहीं, पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व सॉलिड) की मात्रा पहले 450 एमएमटी था, जो अब 350 रह गई है.

वहीं, लॉकडाउन से पहले झील के पानी में बैक्टीरियल इंफेक्शन की मात्रा 6500 मिलीग्राम/लीटर थी, जो अब 4200 रह गई है. जबकि, झील में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ने लगी है. जिससे लेक की हेल्थ में सुधार देखा जा रहा है.

Last Updated : Apr 26, 2020, 5:02 PM IST
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