नैनीताल: नगर पालिका द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से लेक ब्रिज चुंगी समेत कार पार्किंग की टेंडर प्रक्रिया को 1 साल आगे बढ़ाने का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार देर शाम हाई कोर्ट के निर्देश पर पालिका की टीम लेक ब्रिज चुंगी का कब्जा लेने पहुंच गई लेकिन ठेकेदारों के विरोध के चलते पालिका की टीम को बिना कब्जा लिए बैरंग लौटना पड़ा.
बता दें कि लेक ब्रीज चुंगी (Lake Bridge toll ) का टेंडर बीते 31 मार्च को समाप्त हो गया था. जिसके बाद नगर पालिका बोर्ड (Nainital nagar palika) बैठक के द्वारा पार्किंग संचालकों समेत लेक ब्रिज संचालकों को राहत देते हुए 20% बढ़ोत्तरी राशि के साथ टेंडर प्रक्रिया को 1 साल के लिए आगे बढ़ा दिया. पालिका द्वारा एक साल के लिए आगे बढ़ाई गई प्रक्रिया के मामले को अमरोहा निवासी अजय कुमार के द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर पालिका के फैसले को रद्द कर दिया और पार्किंग और चुंगी के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी करने के आदेश दिए थे.
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वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद पालिका की टीम लेक ब्रिज चुंगी पर कब्जा लेने पहुंची. जिसका ठेकेदारों ने विरोध किया. चुंगी के ठेकेदार राजेश वर्मा का कहना है उनके द्वारा पालिका द्वारा बनाए गए टेंडर के आधार पर 81 लाख रुपए पालिका के खाते में जमा कराए हैं. अगर, नगर पालिका टेंडर प्रक्रिया खत्म करना चाहती है तो पहले उनके पैसे जमा वापस करे. जिसके बाद ही उन्हें कब्जा दिया जाएगा.
ऐसे में कब्जा लेने को लेकर कई घंटों तक लेक ब्रिज चुंगी के पास पालिका और ठेकेदार के बीच विवाद होता रहा. वहीं, विवाद बढ़ता देख पालिका के अधिशासी अधिकारी ने चुंगी पर कब्जा लेने के लिए पुलिस तक बुलवा ली लेकिन अंत में पालिका की टीम को बिना कब्जा लिए ही बैरंग लौटना पड़ा.