नैनीतालः बारिश से नैनी झील में फैली गंदगी मामले पर आज नैनीताल नगर पालिका के इओ समेत अन्य अधिकारी हाईकोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने नैनी झील की सफाई करने पर संतोष व्यक्त किया. न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने कहा कि आगे भी हर हफ्ते झील की सफाई करने की व्यवस्था की जाए. साथ ही सभी नाव चालकों के साथ सफाई और निरीक्षण करने को कहा. वहीं, नैनी झील में मछलियों को खाना खिलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.
गौर हो कि बीते दिनों नैनीताल में बारिश के बाद नैनी झील में खाली बोतलें, कूड़ा और थैलियों का अंबार लग गया था. ये कूड़ा सीधे या नैनीताल के कैचमेंट के 62 नालों के जरिए नैनी झील तक पहुंच था. जिसकी वजह से खूबसूरत झील पूरी तरह दूषित हो गई थी. इतना ही नहीं प्रशासन की ओर से झील की देखरेख तक नहीं की जा रही थी. ऐसे में झील में कूड़े का अंबार देखकर न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने सरोवर नगरी की स्वच्छता के लिए की जा रही व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए स्वतः संज्ञान लिया था.
संबंधित खबरें पढ़ेंः बारिश से नैनी झील में जमा हुई शहर की गंदगी, हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर इन्हें किया तलब
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने मामले में नैनीताल के एसडीएम राहुल साह, नगर पालिका के ईओ आलोक उनियाल और कोतवाल धर्मवीर सोलंकी को तलब भी किया था. न्यायमूर्ति शर्मा ने सभी से गंदगी के निस्तारण के लिए किए जा रहे कार्यों और उपायों के साथ बुधवार यानी आज फिर से पूरे प्लान के साथ पेश होने को कहा था. जिस पर आज वे प्लान के साथ पेश हुए. आज उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने झील की सफाई कर ली है और हर हफ्ते इसी तरह सफाई की जाएगी. बता दें कि इससे पहले मामले का संज्ञान कोर्ट में पहुंचते ही संबंधित अधिकारियों ने झील की सफाई तक कर डाली.
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को कहा कि आगे भी हर हफ्ते झील की सफाई करने की व्यवस्था की जाए. हर रविवार को 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक सभी नाव चालकों के साथ नैनी झील की सफाई करें. साथ ही उन्होंने सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने को भी कहा. न्यायमूर्ति ने साफ निर्देश दिए कि झील की सफाई के लिए और सतर्कता बरती जाए. नैनी झील में जो भी व्यक्ति खाद्य सामग्री लेकर जाता है या मछलियों को खिलाता है, उनके खिलाफ 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाए.