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हरदा के समर्थन में आए टम्टा, मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग - उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022

2022 में सीएम चेहरे की घोषणा को लेकर कांग्रेस में सिर फुटव्वल होता दिख रहा है. एक ग्रुप हरीश रावत का समर्थन कर रहा है तो दूसरा ग्रुप उनके विरोध में है. इस मामले में गुरुवार को राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने प्रेस वार्ता की.

MP Pradeep Tamta
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Published : Jan 14, 2021, 3:27 PM IST

हल्द्वानी: आगामी 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक बार फिर दो गुटों में बंटती हुई दिख रही है. इस बार मामला मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर है. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का बयान आया था. उन्होंने पार्टी हाई कमान से गुजारिश की थी कि 2022 के लिए कांग्रेस को उत्तराखंड में अपना चेहरा घोषित करना चाहिए. इससे कांग्रेस को काफी फायदा मिलेगा. लेकिन नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने इसका विरोध किया. वहीं अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने हरीश रावत का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सीएम का चेहरा घोषित नहीं होने से कांग्रेस को होगा भारी नुकसान. साथ ही उन्होंने हाई कमान से मांग की है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाना चाहिए.

हरीश रावत को प्रदीप टम्टा का समर्थन.

राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने गुरुवार को हल्द्वानी में इसी को लेकर एक प्रेस वार्ता की है. इस दौरान उन्होंने हाई कमान से मांग है कि वे 2022 के लिए हरीश रावत को सीएम का चेहरा घोषित करे. वैसे राष्ट्रीय हाई कमान जिस भी चेहरे घोषणा करेगा वो उन्हें स्वीकार होगा.

पढ़ें- हरदा पर प्रीतम गुट का पलटवार, कहा- दिल्ली से तय कर लाए सीएम का चेहरा

उन्होंने कहा कि अगर सीएम के चेहरे के बिना 2022 में चुनाव लड़ा जाता है तो कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. हरीश रावत सबसे पुराने राजनीतिज्ञ हैं और उनको काफी अनुभव है. ऐसे में उनको सीएम पद का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे वैसे तो हाई कमान से बात करेंगे. सीएम की चेहरा घोषित नहीं होने से जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. बीजेपी हो या कांग्रेस सबसे ज्यादा मजबूत सीएम के तौर पर हरीश रावत खड़े हैं. ऐसे में बीजेपी के खिलाफ हरीश रावत सबसे मजबूत चेहरा होंगे.

उन्होंने कहा कि हरीश रावत द्वारा सीएम के चेहरे पर किए गए ट्वीट से कुछ लोगों में बेचैनी है. ऐसे में कुछ लोग हल्द्वानी से लेकर देहरादून तक इसका विरोध कर रहे हैं जो उचित नहीं है.

उन्होंने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के उस सवाल का भी जवाब दिया है जिसमें हृदयेश ने कहा था कि 2017 के चुनाव में कांग्रेस 11 सीटों पर सिमट कर रह गई थी. टम्टा ने कहा कि चुनाव में हार-जीत लगी रहती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं आई है. उस समय कांग्रेस का नेतृत्व कौन कर रहा था?

हल्द्वानी: आगामी 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक बार फिर दो गुटों में बंटती हुई दिख रही है. इस बार मामला मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर है. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का बयान आया था. उन्होंने पार्टी हाई कमान से गुजारिश की थी कि 2022 के लिए कांग्रेस को उत्तराखंड में अपना चेहरा घोषित करना चाहिए. इससे कांग्रेस को काफी फायदा मिलेगा. लेकिन नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने इसका विरोध किया. वहीं अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने हरीश रावत का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सीएम का चेहरा घोषित नहीं होने से कांग्रेस को होगा भारी नुकसान. साथ ही उन्होंने हाई कमान से मांग की है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाना चाहिए.

हरीश रावत को प्रदीप टम्टा का समर्थन.

राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने गुरुवार को हल्द्वानी में इसी को लेकर एक प्रेस वार्ता की है. इस दौरान उन्होंने हाई कमान से मांग है कि वे 2022 के लिए हरीश रावत को सीएम का चेहरा घोषित करे. वैसे राष्ट्रीय हाई कमान जिस भी चेहरे घोषणा करेगा वो उन्हें स्वीकार होगा.

पढ़ें- हरदा पर प्रीतम गुट का पलटवार, कहा- दिल्ली से तय कर लाए सीएम का चेहरा

उन्होंने कहा कि अगर सीएम के चेहरे के बिना 2022 में चुनाव लड़ा जाता है तो कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. हरीश रावत सबसे पुराने राजनीतिज्ञ हैं और उनको काफी अनुभव है. ऐसे में उनको सीएम पद का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे वैसे तो हाई कमान से बात करेंगे. सीएम की चेहरा घोषित नहीं होने से जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. बीजेपी हो या कांग्रेस सबसे ज्यादा मजबूत सीएम के तौर पर हरीश रावत खड़े हैं. ऐसे में बीजेपी के खिलाफ हरीश रावत सबसे मजबूत चेहरा होंगे.

उन्होंने कहा कि हरीश रावत द्वारा सीएम के चेहरे पर किए गए ट्वीट से कुछ लोगों में बेचैनी है. ऐसे में कुछ लोग हल्द्वानी से लेकर देहरादून तक इसका विरोध कर रहे हैं जो उचित नहीं है.

उन्होंने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के उस सवाल का भी जवाब दिया है जिसमें हृदयेश ने कहा था कि 2017 के चुनाव में कांग्रेस 11 सीटों पर सिमट कर रह गई थी. टम्टा ने कहा कि चुनाव में हार-जीत लगी रहती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं आई है. उस समय कांग्रेस का नेतृत्व कौन कर रहा था?

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