हल्द्वानी: उत्तराखंड में पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग जिले के तीन हजार से अधिक किसानों के समूह को जैविक खेती से जोड़ने जा रहा है. जिसमें कृषि विभाग इन काश्तकारों को जैविक खाद, बीज और कृषि उपकरण फ्री में उपलब्ध कराएगा. जिसके बाद किसान अपना माल का भाव खुद तय कर ऑनलाइन बेच सकेंगे.
दरअसल, उत्तराखंड में पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग नैनीताल जिले में 187 समूह के माध्यम से 3 हजार 500 के करीब किसानों को जैविक खेती से जोड़ने जा रहा है. जिसके लिए कृषि विभाग इन सभी किसानों का ऑनलाइन पंजीकृत करवा रहा है. अपने उत्पादों को खुद किसान ऑनलाइन के माध्यम से बाहर की मंडियों में बेच सकेंगे.
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भूमि संरक्षण अधिकारी धीरज सिंह ने बताया कि जैविक खेती के जरिए से किसानों को जागरूक किया जा रहा है. परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत समूह से जुड़े सभी किसानों को जैविक बीज, खाद, सीड ड्रिल, कल्टीवेटर, हैरो सहित अन्य कृषि उपकरण निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा.
उन्होंने बताया इन किसानों का उत्पादन पूरी तरह से जैविक होगा. उत्पादन करने के बाद किसान जैविक प्रमाण पत्र के साथ अपने उत्पादों को बाजार में ऑनलाइन बेच सकते हैं. यही नहीं किसान अपने उत्पादन का मूल्य भी खुद तय कर सकेंगे.
बता दें कि नैनीताल जिले के धारी में 33, रामनगर में 32, ओखल कांडा में 39, बेतालघाट में 51, भीमताल में 24, हल्द्वानी में 4, कोटाबाग में 3 और रामनगर में एक किसानों का समूह बनाए जाने हैं. यह सभी किसान ऑर्गेनिक खेती पर काम करेंगे. कृषि विभाग समूह एक सदस्य को निशुल्क कृषि प्रशिक्षण भी देगा जो इन किसानों का सहयोग करेगा.