ETV Bharat / state

हल्द्वानी: आपदा की भेंट चढ़े 60 से ज्यादा सरकारी स्कूल, बच्चों की पढ़ाई बंद

आपदा का कहर सबसे ज्यादा नैनीताल जनपद में पड़ा है. पूरे जिले में 60 से अधिक प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को क्षति पहुंची है, जिसके चलते स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है. ऐसे में बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है.

Haldwani Nainital disaster
Haldwani Nainital disaster
author img

By

Published : Oct 24, 2021, 9:46 AM IST

Updated : Oct 24, 2021, 10:42 AM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद में 18, 19 और 20 अक्टूबर को आई आपदा में 34 लोगों की जान गई है. एक दर्जन से अधिक लोग घायल भी हुए हैं. कई लोग अभी भी लापता हैं. नैनीताल जनपद में 200 करोड़ से अधिक की सरकारी संपत्ति का नुकसान पहुंचा है. नैनीताल जिले के 60 से अधिक प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को क्षति पहुंची है, जिसके चलते स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है.

मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता ने बताया कि आपदा के चलते जनपद के सरकारी स्कूलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 48 प्राइमरी स्कूल और 8 माध्यमिक स्कूलों को क्षति पहुंची है, जबकि कई स्कूलों तक पहुंचने के मार्ग बंद हैं. मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक तौर पर जिले के 56 स्कूलों आंशिक और भारी क्षति पहुंची है, जहां पर बच्चों की पढ़ाई नहीं कराई जा सकती.

आपदा की भेंट चढ़े 60 से ज्यादा सरकारी स्कूल.

उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ रास्ते बंद है, जहां पर शिक्षा विभाग की टीम नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में नुकसान का आकलन नहीं हो पा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी संख्या बढ़कर 100 के करीब हो सकती है. अभी तक नुकसान का सही आकलन नहीं आया है.

पढ़ें- सुंदरढूंगा ग्लेशियर में बंगाल के 5 पर्यटकों की मौत, SDRF ने शवों को किया रेस्क्यू

वहीं, स्कूली की मरम्मत आदि के लिए प्राथमिक तौर पर 3 करोड़ के बजट की मांग की गई है, जिससे कि स्कूलों की पुनर्निर्माण का काम शुरू हो सके. शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इन स्कूलों में करीब एक हजार के आसपास बच्चे पढ़ाई करते हैं. विभाग द्वारा इन बच्चों की पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को लेकर काम चल रहा है.

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल क्षतिग्रस्त होने और रास्ते बंद होने से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है. अभिभावकों से भी अपील की गई है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजें.

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद में 18, 19 और 20 अक्टूबर को आई आपदा में 34 लोगों की जान गई है. एक दर्जन से अधिक लोग घायल भी हुए हैं. कई लोग अभी भी लापता हैं. नैनीताल जनपद में 200 करोड़ से अधिक की सरकारी संपत्ति का नुकसान पहुंचा है. नैनीताल जिले के 60 से अधिक प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को क्षति पहुंची है, जिसके चलते स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है.

मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता ने बताया कि आपदा के चलते जनपद के सरकारी स्कूलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 48 प्राइमरी स्कूल और 8 माध्यमिक स्कूलों को क्षति पहुंची है, जबकि कई स्कूलों तक पहुंचने के मार्ग बंद हैं. मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक तौर पर जिले के 56 स्कूलों आंशिक और भारी क्षति पहुंची है, जहां पर बच्चों की पढ़ाई नहीं कराई जा सकती.

आपदा की भेंट चढ़े 60 से ज्यादा सरकारी स्कूल.

उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ रास्ते बंद है, जहां पर शिक्षा विभाग की टीम नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में नुकसान का आकलन नहीं हो पा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी संख्या बढ़कर 100 के करीब हो सकती है. अभी तक नुकसान का सही आकलन नहीं आया है.

पढ़ें- सुंदरढूंगा ग्लेशियर में बंगाल के 5 पर्यटकों की मौत, SDRF ने शवों को किया रेस्क्यू

वहीं, स्कूली की मरम्मत आदि के लिए प्राथमिक तौर पर 3 करोड़ के बजट की मांग की गई है, जिससे कि स्कूलों की पुनर्निर्माण का काम शुरू हो सके. शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इन स्कूलों में करीब एक हजार के आसपास बच्चे पढ़ाई करते हैं. विभाग द्वारा इन बच्चों की पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को लेकर काम चल रहा है.

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल क्षतिग्रस्त होने और रास्ते बंद होने से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है. अभिभावकों से भी अपील की गई है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजें.

Last Updated : Oct 24, 2021, 10:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.