हल्द्वानीः उत्तराखंड में कई माननीय अपनी विधायक निधि खर्च करने में कंजूसी दिखा रहे हैं. कई विधायक तो ऐसे हैं, जो विधायक निधि की 60 से 70% ही खर्च कर पाए हैं. आरटीआई से खुलासे में बीजेपी विधायक भी निधि खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं. जिसका बीजेपी संगठन ने संज्ञान लेते हुए विधायकों के इस रवैया पर मुख्यमंत्री से बात करने की बात कही है. वहीं, अपने विधायक निधि के 86 से 90 फीसदी राशि खर्च करने वाले विधायक नवीन दुम्का का कहना है कि पार्टी और संगठन ही विधायक बनाती है, ऐसे में संगठन का बोलना उचित है.
दरअसल, 86 से 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायकों में लालकुआं विधायक नवीन दुम्का शामिल हैं. उनका कहना है कि विधायक निधि खर्च नहीं करने पर संगठन का कहने का अधिकार है, क्योंकि संगठन ही विधायक बनाता है. ऐसे में संगठन चाहेगा कि उसका विधायक हर मामले में अपडेट रहे. वहीं, नवीन दुमका ने कहा है कि उन्होंने अपने विधायक निधि की 90 फीसदी विधायक निधि खर्च कर दिए हैं.
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उन्होंने कहा कि कई बार ऐसी परिस्थितियां बनती है कि विधायक अपनी विधायक निधि खर्च नहीं कर पाता है. इसके अलावा कई ऐसे मामले होते हैं, जहां विवाद के चलते विधायक निधि खर्च नहीं हो पाती है. इसके अलावा सीडीओ स्तर पर कई कार्य और चेक पेंटिंग होते हैं. जिसके चलते विधायक निधि का बजट खर्च नहीं हो पाता है.
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गौर हो कि आरटीआई से खुलासा हुआ है कि प्रदेश के अधिकतर विधायक अपने विधायक निधि खर्च करने में फिसड्डी हैं. ऐसे में बीजेपी संगठन विधायक निधि खर्च नहीं करने पर संज्ञान लिया है और इस मामले को मुख्यमंत्री धामी से भी संगठन जानकारी ले रहा है. उत्तराखंड के 71 विधायकों में से 12 विधायकों की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है.
एक विधायक की केवल 50 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च हुई है. 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में केवल एक विधायक शामिल है. सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च करने वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत हैं. जबकि, सर्वाधिक 90 प्रतिशत खर्च करने वाले नैनीताल विधायक संजीव आर्य हैं. वहीं, नवीन दुम्का का दावा है कि वो भी 90 फीसदी खर्च कर चुके हैं.