हल्द्वानी: सर्किट हाउस में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कृषि और ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान मंत्री ने मनरेगा के तहत बनने वाले जलाशय और वृक्षारोपण की जानकारी ली साथ ही अधिकारियों को मनरेगा के तहत जलाशय निर्माण और छूटे हुए कार्यों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही भ्रष्टाचार को लेकर उद्यान विभाग के निदेशक पर जांच मामले पर भी गणेश जोशी ने प्रतिक्रिया दी.
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, कृषि विभाग, उद्यान विभाग तथा सैनिक कल्याण विभाग की समीक्षा की और मार्च से पहले विभागों को दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को किसानों व फल सब्जी उत्पादकों के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का शत प्रतिशत लाभ दिए जाने के निर्देश दिए हैं.
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उद्यान विभाग के निदेशक पर जांच बैठाए जाने के सवाल पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में चलन हो गया है कि अगर कोई भी मामला आता है तो लोग उसको कोर्ट में लेकर चले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि निदेशक के खिलाफ उनके द्वारा सचिव को जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इस बीच मामला न्यायालय पहुंच गया. लिहाजा अब न्यायालय के फैसले के बाद कोई कार्रवाई होगी.
गौरतलब है कि उद्यान विभाग के निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा पर खाद, बीज और पौधों के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप है. आरटीआई कार्यकर्ता दीपक करगेती ने सूचना का अधिकार अधिनियम के जरिए पूरे मामले का भारी भ्रष्टाचार मामला संदेह का उजागर किया था जिसके बाद पूरे मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जांच के आदेश दिए थे. 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई थी, लेकिन इस बीच दीपक करगेती ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. ऐसे में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि मामला कोर्ट में है, जो निर्णय होगा वो मान्य होगा.
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बता दें कि, बीती 7 जनवरी को इस मामले को सुनने के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने राज्य व केंद्र सरकार के साथ साथ सचिव उद्यान, कृषि सचिव भारत सरकार और निदेशक उद्यान को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही अब तक हुई जांच के बारे में भी हाईकोर्ट ने जानकारी मांगी है. दीपक करगेती की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा 14 सितंबर 2022 को इस मामले में जांच बैठाई गई, जिसमें 15 दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था. लेकिन आज तक न तो जांच रिपोर्ट आई और न उसमें कोई कार्रवाई हुई. जनहित याचिका में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.