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रामनगर के हॉस्पिटल में नहीं चला मंत्री भगत का रौब, डॉक्टर बोला- मैं कोई अपराधी नहीं - रामनगर हॉस्पिटल में मंत्री बंशीधर भगत और डॉक्टर की बहस

मंगलवार को मंत्री बंशीधर भगत रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय रामनगर का निरीक्षण करने गए थे. इस दौरान उनकी अस्पताल संचालक दीपक गोयल के साथ की तीखी बहस हुई. संचालक दीपक गोयल पर मंत्री के रुतबे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

Minister Banshidhar Bhagat news
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Published : May 18, 2021, 4:02 PM IST

Updated : May 18, 2021, 8:08 PM IST

रामनगर: क्षेत्र की जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय रामनगर को पीपीपी मोड पर दिया गया था. इसके बाद भी रामनगर चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. इन शिकायतों का संज्ञान लेने के लिए मंगलवार को कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत हॉस्पिटल पहुंचे. इस दौरान हॉस्पिटलों में व्यवस्थाओं को लेकर कैबिनेट मंत्री भगत की अस्पताल संचालक दीपक गोयल के साथ की तीखी बहस हुई. संचालक दीपक गोयल पर मंत्री के रुतबे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

मंत्री और डॉक्टर में नोकझोंक

विधायक दीवान सिंह बिष्ट के साथ कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत रामनगर चिकित्सालय पहुंचे. कैबिनेट मंत्री बंशीधर काफी देर तक हॉस्पिटल में बैठे रहे, लेकिन अस्पताल संचालक दीपक गोयल उनके मिलने नहीं पहुंचे. इस पर मंत्रीजी का पारा भी चढ़ गया है. हालांकि काफी देर बाद संचालक दीपक गोयल जब मंत्री जी से पास पहुंचे तो उन्होंने अपना रौब झाड़ते हुए पूछा कि लाइसेंस मिलने के बाद भी हॉस्पिटल में अभीतक ब्लड बैक क्यों शुरू नहीं किया है और वे इतनी देर से यहां बैठे है, उसके बावजूद भी वे उसके पास नहीं आए. मंत्री की इस हड़क का गोयल पर पर कोई असर नहीं पड़ा.

पढ़ें- सांसें उखड़ती देख आशुतोष ने बढ़ाए मदद के हाथ, 2 करोड़ के दिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

गोयल ने कहा कि वे कोई अपराधी नहीं है, जो उनसे इस तरह से खड़े करके बात की जा रही है. वे मरीजों के देखने के गए हुए थे. इसीलिए नहीं आ पाए. गोयल के इस अंदाज से मंत्री जी भड़क गए. उन्होंने कहा कि तुम अपराधी हो तुम मुझे बताओगे कि किस माहौल में बात करनी है. इसके बाद मंत्री से इस प्रकार का व्यवहार करने के बाद कार्यकर्ताओं की भी अस्पताल प्रशासन के साथ जमकर नोकझोंक हो गई. हालांकि मौके पर मौजूद एसडीएम विजय नाथ शुक्ल ने मामला शांत किया.

हॉस्पिटल से बाहर आकर मंत्री भगत ने कहा कि अस्पताल में ब्लड बैंक शुरू करने की मंजूरी 2007 में मिल गई थी, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हो पाया है, जबकि इसका लाइसेंस भी तीन महीने पहले मिल चुका है. बावजूद इसके ब्लड बैंक शुरू नहीं हुआ. जिस पर उन्होंने अपना नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के अंदर ब्लड बैंक शुरू कर दिया जाएगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल में यदि किसी का सीटी स्कैन नहीं होता है तो उनको अवगत कराएं, ताकि वे कार्रवाई सकें. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि रामनगर के इस अस्पताल को शीघ्र ही 100 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है. इसकी अनुमति सरकार द्वारा शीघ्र दे दी जाएगी. अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी किया जा रहा है. सरकार की प्राथमिकता है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार मिलना चाहिए.

रामनगर: क्षेत्र की जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय रामनगर को पीपीपी मोड पर दिया गया था. इसके बाद भी रामनगर चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. इन शिकायतों का संज्ञान लेने के लिए मंगलवार को कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत हॉस्पिटल पहुंचे. इस दौरान हॉस्पिटलों में व्यवस्थाओं को लेकर कैबिनेट मंत्री भगत की अस्पताल संचालक दीपक गोयल के साथ की तीखी बहस हुई. संचालक दीपक गोयल पर मंत्री के रुतबे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

मंत्री और डॉक्टर में नोकझोंक

विधायक दीवान सिंह बिष्ट के साथ कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत रामनगर चिकित्सालय पहुंचे. कैबिनेट मंत्री बंशीधर काफी देर तक हॉस्पिटल में बैठे रहे, लेकिन अस्पताल संचालक दीपक गोयल उनके मिलने नहीं पहुंचे. इस पर मंत्रीजी का पारा भी चढ़ गया है. हालांकि काफी देर बाद संचालक दीपक गोयल जब मंत्री जी से पास पहुंचे तो उन्होंने अपना रौब झाड़ते हुए पूछा कि लाइसेंस मिलने के बाद भी हॉस्पिटल में अभीतक ब्लड बैक क्यों शुरू नहीं किया है और वे इतनी देर से यहां बैठे है, उसके बावजूद भी वे उसके पास नहीं आए. मंत्री की इस हड़क का गोयल पर पर कोई असर नहीं पड़ा.

पढ़ें- सांसें उखड़ती देख आशुतोष ने बढ़ाए मदद के हाथ, 2 करोड़ के दिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

गोयल ने कहा कि वे कोई अपराधी नहीं है, जो उनसे इस तरह से खड़े करके बात की जा रही है. वे मरीजों के देखने के गए हुए थे. इसीलिए नहीं आ पाए. गोयल के इस अंदाज से मंत्री जी भड़क गए. उन्होंने कहा कि तुम अपराधी हो तुम मुझे बताओगे कि किस माहौल में बात करनी है. इसके बाद मंत्री से इस प्रकार का व्यवहार करने के बाद कार्यकर्ताओं की भी अस्पताल प्रशासन के साथ जमकर नोकझोंक हो गई. हालांकि मौके पर मौजूद एसडीएम विजय नाथ शुक्ल ने मामला शांत किया.

हॉस्पिटल से बाहर आकर मंत्री भगत ने कहा कि अस्पताल में ब्लड बैंक शुरू करने की मंजूरी 2007 में मिल गई थी, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हो पाया है, जबकि इसका लाइसेंस भी तीन महीने पहले मिल चुका है. बावजूद इसके ब्लड बैंक शुरू नहीं हुआ. जिस पर उन्होंने अपना नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के अंदर ब्लड बैंक शुरू कर दिया जाएगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल में यदि किसी का सीटी स्कैन नहीं होता है तो उनको अवगत कराएं, ताकि वे कार्रवाई सकें. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि रामनगर के इस अस्पताल को शीघ्र ही 100 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है. इसकी अनुमति सरकार द्वारा शीघ्र दे दी जाएगी. अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी किया जा रहा है. सरकार की प्राथमिकता है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार मिलना चाहिए.

Last Updated : May 18, 2021, 8:08 PM IST

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