हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में सोने की खान कही जाने वाली गौला नदी में एक अक्टूबर से उपखनिज खनन निकासी कार्य शुरू होने जा रहा है. खनन कार्य शुरू करने के लिए वन विकास निगम ने सभी तैयारियां शुरू कर दी है. पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात के चलते नदी में अधिक पानी होने के चलते खनन कार्य शुरू होने में इस बार देरी हो सकती है. कुमाऊं मंडल की गौला, शारदा और नंधौर नदी खनन गेटों के खोलने को लेकर वन निगम द्वारा सभी तैयारियां की जा रही हैं.
क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि इस वर्ष खनन सत्र एक अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है.कुमाऊं मंडल के गौला, नंधौर, और शारदा नदी से खनन होना है विभाग द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है. लेकिन इस बार नदियों में अधिक पानी होने के चलते खनन कार्य में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि खनन निकासी कार्य करने के लिए कार्यदायी संस्था वन विकास निगम ने सभी अपनी तैयारियां पूरी कर ली है.खनन गेटों पर बनाए गए कांटे और नेटवर्क और कार्यालय को ठीक करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. वन विभाग द्वारा सीमांकन का कार्य होते ही खनन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. खनन कार्य से जुड़े वाहन स्वामी को निर्देशित किया गया है कि वो अपने वाहनों को फिटनेस सहित अन्य कागजी कार्रवाई पूरी कर लें.
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गौरतलब है कि पिछले सत्र में गौला, नंधौर व शारदा नदी से होने वाले खनन चुगान से प्रदेश सरकार को करीब 112 करोड़ रुपए राजस्व मिला था. इस बार नदियों में भारी मात्रा में उप खनिज आने की उम्मीद जताई जा रही है. साथ ही खनन से सरकार को और अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सकती है. बताते चलें कि इन गेटों से खनन शुरू होने पर मजदूरों एवं वाहन स्वामियों और खनन कार्य से जुड़े सभी लोगों को रोजगार सहित राज्य सरकार को कारोड़ों रुपये का राज्यस्व मिलना चालू हो जाएगा. इधर खनन को लेकर वन निगम और प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक नदी में पानी का जलस्तर कम होते ही खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा.