हल्द्वानी: राज्य सरकार को सबसे ज्यादा खनन से राजस्व देने वाली गौला नदी से 1 अक्टूबर से खनन का कार्य शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार एक महीने बीत जाने के बाद भी नदी से खनन का कार्य शुरू नहीं हुआ है. बीते दिनों आई भारी बारिश और बाढ़ के चलते अभी भी नदी में पानी का बहाव है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि नदी से होने वाले खनन कार्य में और देरी हो सकती है. वहीं, अब फिर से नदी में आए उप खनिज का सर्वे किया जाएगा. सर्वे के उपरांत खनन कार्य की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि नदी में खनन कार्य के लिए सभी कर प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. लेकिन बीते दिनों आई भारी बारिश और आपदा के चलते खनन कार्य की कार्रवाई को रोकना पड़ा. नदी का जलस्तर अभी भी बढ़ा हुआ है. जब तक नदी का जलस्तर कम नहीं हो जाता तब तक खनन कार्य कराना संभव नहीं है. पूर्व में खनन को लेकर सभी तैयारियां कर ली गई थी. लेकिन अब फिर से नदी में आए उप खनिज का सर्वे किया जाएगा. सर्वे के उपरांत खनन कार्य की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष खनन कार्य में और देरी हो सकती है.
गौरतलब है कि अक्सर एक अक्टूबर से नदी से खनन प्रारंभ कर दिया जाता था. लेकिन इस बार आई आपदा और बारिश के चलते खनन कार्य में काफी देरी होने की उम्मीद है ऐसे में नदी से जुड़े खनन कारोबारियों को और इंतजार करना पड़ेगा.
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गौरतलब है कि गौला नदी से खनन कार्य में करीब 8 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत है. जो खनन कार्य करते हैं. इसके अलावा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के भारी संख्या में मजदूर यहां आकर खनन कार्य कर अपनी आजीविका चलाते हैं. जबकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. ऐसे में खनन में हो रही देरी के चलते लोगों में मायूसी है.