हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला नदी (gaula river) सहित शारदा नदी, नंधौर नदी और दबका नदी में 1 अक्टूबर से खनन निकासी का कार्य शुरू नहीं (Mining will not start in Kumaon rivers) होगा. इसलिए खनन कारोबारियों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि नदी में अधिक पानी होने के चलते अभी तक उप खनिज के लिए नदियों का सीमांकन नहीं पाया है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि खनिज निकासी में अभी भी 15 से 20 दिन का समय लग सकता है.
क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश आर्य (Regional Manager Forest Development Corporation Mahesh Arya) ने बताया कि पिछले सप्ताह भारी बारिश (heavy rain in uttarakhand) होने के चलते नदियों का जलस्तर अभी भी बना हुआ है. यहां तक कि पहले चरण का उप खनिज का सीमांकन हो चुका है लेकिन दूसरे चरण का उप खनिज का सीमांकन सहित अन्य कार्य बाकी है. वन विकास निगम द्वारा उप खनिज निकासी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. खनिज ढोने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण का काम चल रहा है. लेकिन नदी में अधिक पानी होने के चलते खनन निकासी कार्य में इस बार देरी होगी.
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आर्य ने बताया कि खनन निकासी गेटों पर तौल कांटे, इंटरनेट कनेक्टिविटी सहित अन्य कार्यों को ठीक करने के निर्देश दे दिए गए हैं. पानी कम होने का इंतजार किया जा रहा है, पानी कम होते ही नदी का सीमांकन करने के बाद खनन कार्य की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. गौरतलब है कि कुमाऊं मंडल की नदियों से प्रदेश सरकार को खनन से भारी राजस्व की प्राप्ति होती है, जहां उप खनिज कार्य में 8 हजार से अधिक वाहन जबकि 30 हजार से अधिक मजदूर कार्य करते हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इन नदियों से उप खनिज निकासी में 15 से 20 दिन का देरी हो सकती है. ऐसे में खनन कारोबारियों तो अभी इंतजार करना पड़ेगा.