हल्द्वानीः उत्तराखंड सरकार को सबसे ज्यादा खनन से राजस्व देने वाली गौला नदी में खनन करने पर फिलहाल रोक लगा दी है. गौला नदी से शासन द्वारा इस सत्र के लिए निर्धारित लक्ष्य मंगलवार को पूरा कर लिया गया है. जिसके बाद कार्यदायी संस्था वन विकास निगम ने नदी के सभी 12 खनन निकासी गेटों को मंगलवार शाम 5 बजे से अगले आदेश तक बंद कर दिया है.
वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक के एन भारती ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए शासन द्वारा गौला नदी से 32.92 लाख घन मीटर खनन निकासी का लक्ष्य रखा गया था. जिसके सापेक्ष में विभाग द्वारा करीब 120 दिनों तक गौला नदी के 12 खनन निकासी गेटों के जरिए खनन निकासी की गई. जहां सरकार को 167 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ.
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क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम केएन भारती ने बताया कि शासन के निर्देश पर नदी को खनन निकासी के लिए बंद किया गया है. खनन विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा नदी के खनन क्षेत्र का ड्रोन के माध्यम से एक बार फिर सर्वे किया गया है. सर्वे रिपोर्ट के बाद ही पता चल सकेगा कि गौला नदी में कितना उप खनिज है.
बता दें कि गौला नदी के खनन कार्य से यहां के स्थानीय लोगों को हर साल कई लोगों को रोजगार मिलता है. जबकि करीब सात हजार से ज्यादा वाहन खनन कारोबार में लगे हुए हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार सहित अन्य राज्यों के हजारों मजदूर हर साल यहां काम के लिए आते हैं. खनन कार्य बंद हो जाने के बाद नदी में खनन कार्य में जुटे मजदूर अब अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं.