हल्द्वानी: राजस्व को देखते हुए शासन ने कुमाऊं की गौला नदी से खनन निकासी का फैसला लिया है. जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने शर्तों के अनुसार गौला नदी से खनन का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन खनन से जुड़े खनन कारोबारी शर्तों के अनुसार काम करने को तैयार नहीं है. खनन कारोबारियों का कहना है कि नदी से खनन निकासी में ऑड-ईवन के अनुसार वाहन चलते हैं तो उनको काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे में वाहन डंपर एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि वह लोग खनन निकासी में अपने वाहन को नहीं चलाएंगे, क्योंकि इससे कोविड 19 संक्रमण फैलने की संभावना बन सकती हैं.
गौरतलब है कि जिला प्रशासन के निर्देश के बाद आज वन विकास निगम ने गौला नदी के 11 खनन निकासी गेटो में से दो खनन निकासी गेटो से खनन का काम शुरू किया. लेकिन वाहन डंपर एसोसिएशन ने इसका विरोध कर खनन कार्य का बहिष्कार किया है.
इस मामले में लालकुआं के विधायक नवीन दुमका का कहना है कि शासन ने राजस्व को ध्यान में रखते हुए गौला नदी से खनन की मंजूरी दी है. गाइडलाइन के अनुसार, अगर वाहन स्वामी खनन का काम करने की इच्छुक नहीं है तो उसके साथ किसी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं की जाएगी. इसे लेकर वाहन एसोसिएशन स्वतंत्र है. खनन के दौरान संक्रमण फैलने की संभावना होती है तो खनन नहीं किए जाने पर विचार भी किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वार्ता की जाएगी.
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वहीं ,जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि खनन कारोबारी और डंपर वाहन एसोसिएशन के साथ वार्ता की जा रही है. कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर सरकार के गाइडलाइन के अनुसार खनन कार्य किया जाएगा. खनन से पहले सभी मजदूरों और वाहन चालकों का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही खनन का काम कराया जाएगा.