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2 महीने बाद भी नदियों से नहीं हुआ खनन शुरू, सरकार को हो रहा करोड़ों का नुकसान, कुमाऊं कमिश्नर ने संभाली कमान

Haldwani Gola Mining इस सत्र को लेकर गौला समेत अन्य नदियों से खनन शुरू नहीं हो पाया है. जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. वहीं खनन को लेकर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं. उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 5, 2023, 7:19 AM IST

Updated : Dec 5, 2023, 2:47 PM IST

2 महीने बाद भी नदियों से नहीं हुआ खनन शुरू.

हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला व नंधौर नदी में खनन शुरू नहीं होने के चलते राज्य सरकार को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. खनन सत्र के महीने बाद भी इन नदियों से खनन शुरू नहीं होने से वन विभाग और वन विकास निगम पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. खनन कार्य शुरू नहीं होने से खनन कारोबारी भी मायूस हैं.

1अक्टूबर से खनन सत्र शुरू हो जाता है, लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी इन नदियों से खनन कार्य शुरू नहीं होने से कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि गौला नदी से राज्य सरकार को बड़े राजस्व की प्राप्ति होती है, ऐसे में उसको खोलने को लेकर तैयारियां चल रही है.वन निगम द्वारा संचालित तोल कांटों में भी कुछ दिक्कतें आ रही थी. जिसको दूर करने के प्रयास वन निगम द्वारा किए जा रहे हैं.जिला खनन समिति ने भी इस संबंध में बैठकें भी हो चुकी हैं और खनन से जुड़े जो भी तकनीकी अड़चनें आ रही हैं, उनको दूर करने के निर्देश उनके द्वारा डीएम नैनीताल को दिए गए हैं.
पढ़ें-खनन को प्राइवेट हाथों में सौंप रही सरकार, रोजगार छिनने का कर रही काम, भुवन कापड़ी ने लगाये गंभीर आरोप

उम्मीद है कि जल्द से जल्द गौला नदी में खनन शुरू किया जाए, ताकि सरकार को राजस्व मिल सके. साथ ही स्थानीय स्तर पर खनन कारोबार से जुड़े लोगों को राहत मिल सके. हल्द्वानी की गौला नदी को कुमाऊं की लाइफ कहा जाता है. नदी से उपखनिज की निकासी होने पर हल्द्वानी के व्यापार पर सकारात्मक भी असर पड़ता है. इसके अलावा हर साल सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए के आसपास राजस्व की भी प्राप्ति होती है. लेकिन नदी से खनन कार्य शुरू नहीं होने के चलते सरकार के साथ-साथ स्थानीय खनन कारोबार से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

2 महीने बाद भी नदियों से नहीं हुआ खनन शुरू.

हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला व नंधौर नदी में खनन शुरू नहीं होने के चलते राज्य सरकार को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. खनन सत्र के महीने बाद भी इन नदियों से खनन शुरू नहीं होने से वन विभाग और वन विकास निगम पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. खनन कार्य शुरू नहीं होने से खनन कारोबारी भी मायूस हैं.

1अक्टूबर से खनन सत्र शुरू हो जाता है, लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी इन नदियों से खनन कार्य शुरू नहीं होने से कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि गौला नदी से राज्य सरकार को बड़े राजस्व की प्राप्ति होती है, ऐसे में उसको खोलने को लेकर तैयारियां चल रही है.वन निगम द्वारा संचालित तोल कांटों में भी कुछ दिक्कतें आ रही थी. जिसको दूर करने के प्रयास वन निगम द्वारा किए जा रहे हैं.जिला खनन समिति ने भी इस संबंध में बैठकें भी हो चुकी हैं और खनन से जुड़े जो भी तकनीकी अड़चनें आ रही हैं, उनको दूर करने के निर्देश उनके द्वारा डीएम नैनीताल को दिए गए हैं.
पढ़ें-खनन को प्राइवेट हाथों में सौंप रही सरकार, रोजगार छिनने का कर रही काम, भुवन कापड़ी ने लगाये गंभीर आरोप

उम्मीद है कि जल्द से जल्द गौला नदी में खनन शुरू किया जाए, ताकि सरकार को राजस्व मिल सके. साथ ही स्थानीय स्तर पर खनन कारोबार से जुड़े लोगों को राहत मिल सके. हल्द्वानी की गौला नदी को कुमाऊं की लाइफ कहा जाता है. नदी से उपखनिज की निकासी होने पर हल्द्वानी के व्यापार पर सकारात्मक भी असर पड़ता है. इसके अलावा हर साल सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए के आसपास राजस्व की भी प्राप्ति होती है. लेकिन नदी से खनन कार्य शुरू नहीं होने के चलते सरकार के साथ-साथ स्थानीय खनन कारोबार से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Last Updated : Dec 5, 2023, 2:47 PM IST
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