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हल्द्वानी: गौला नदी में उप खनिज के साथ आ रही मिट्टी, निकासी जल्द हो सकती है बंद - Kumao's largest Goula River

कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी सरकार को खनन के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देती है. लेकिन, इस वर्ष गौला नदी में उप खनिज कम आया है. ऐसे में जून माह तक चलने वाली गौला नदी इस बार मार्च के पहले सप्ताह में बंद होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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गौला नदी में निकासी हो सकती है बंद
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Published : Feb 5, 2020, 10:53 AM IST

Updated : Feb 5, 2020, 1:01 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी सरकार को खनन के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देती है. लेकिन, इस वर्ष गौला नदी में उप खनिज कम आया है. जिसके कारण सरकार ने इस सत्र में गौला नदी से मात्र 18 लाख 47 हजार घन मीटर ही उप खनिज निकासी का लक्ष्य रखा है. जिसमें अभी तक 13 लाख घन मीटर से अधिक की निकासी हो चुकी है.

ऐसे में जून माह तक चलने वाली गौला नदी इस बार मार्च के पहले सप्ताह में बंद होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिससे खनन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों पर रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. यहीं नहीं नदी में उप खनिज कम आने के कारण अब रेता बजरी के साथ मिट्टी भी आनी शुरू हो गई है.

गौला नदी में निकासी हो सकती है बंद

वहीं, वन क्षेत्राधिकारी गौला रेंज आरपी जोशी के अनुसार इस साल गौला नदी से उप खनिज निकासी के लिए शासन से 18 लाख 47 हजार घनमीटर लक्ष्य की अनुमति है. जिसमें विभाग ने अभी तक 13 लाख घन मीटर से अधिक की निकासी करा चुका है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़े: उत्तराखंडः कांग्रेस में कलह, कार्यकारिणी के गठन से पहले बीजेपी ऐसे चल रही चाल

गौरतलब है कि पिछले वर्ष खनन सत्र 2018 -19 खनिज के लिए 58 मीटर लक्ष्य रखा गया था. जिससे सरकार को करोड़ों की राजस्व भी प्राप्ति हुई थी. लेकिन, इस बार मात्र 18 लाख 47 हजार घन मीटर उप खनिज का लक्ष्य पूरा हो रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार गौला नदी से खनन कारोबार से सरकार को जहां करोड़ों का राजस्व का नुकसान होगा. वहीं, खनन से जुटे हजारों कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

वहीं, गौला नदी में उप खनिज कम आने से खनन के दौरान रेता बजरी के साथ मिट्टी भी आनी शुरू हो गई है. जिसके कारण स्टोन क्रशर संचालक उप खनिज की खरीद में भी आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक गौला नदी इस सत्र के लिए बंद हो सकती है.

हल्द्वानी: कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी सरकार को खनन के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देती है. लेकिन, इस वर्ष गौला नदी में उप खनिज कम आया है. जिसके कारण सरकार ने इस सत्र में गौला नदी से मात्र 18 लाख 47 हजार घन मीटर ही उप खनिज निकासी का लक्ष्य रखा है. जिसमें अभी तक 13 लाख घन मीटर से अधिक की निकासी हो चुकी है.

ऐसे में जून माह तक चलने वाली गौला नदी इस बार मार्च के पहले सप्ताह में बंद होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिससे खनन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों पर रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. यहीं नहीं नदी में उप खनिज कम आने के कारण अब रेता बजरी के साथ मिट्टी भी आनी शुरू हो गई है.

गौला नदी में निकासी हो सकती है बंद

वहीं, वन क्षेत्राधिकारी गौला रेंज आरपी जोशी के अनुसार इस साल गौला नदी से उप खनिज निकासी के लिए शासन से 18 लाख 47 हजार घनमीटर लक्ष्य की अनुमति है. जिसमें विभाग ने अभी तक 13 लाख घन मीटर से अधिक की निकासी करा चुका है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

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गौरतलब है कि पिछले वर्ष खनन सत्र 2018 -19 खनिज के लिए 58 मीटर लक्ष्य रखा गया था. जिससे सरकार को करोड़ों की राजस्व भी प्राप्ति हुई थी. लेकिन, इस बार मात्र 18 लाख 47 हजार घन मीटर उप खनिज का लक्ष्य पूरा हो रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार गौला नदी से खनन कारोबार से सरकार को जहां करोड़ों का राजस्व का नुकसान होगा. वहीं, खनन से जुटे हजारों कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

वहीं, गौला नदी में उप खनिज कम आने से खनन के दौरान रेता बजरी के साथ मिट्टी भी आनी शुरू हो गई है. जिसके कारण स्टोन क्रशर संचालक उप खनिज की खरीद में भी आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक गौला नदी इस सत्र के लिए बंद हो सकती है.

Intro:sammry- मार्च के प्रथम सप्ताह से गौला नदी से उप खनिज की निकासी हो सकती है बंद। रेता बजरी के साथ अब मिट्टी भीआनी हो गई है शुरू । एंकर-कुमाऊ की सबसे बड़ी गौला नदी सरकार को खनन के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देती है ।लेकिन इस वर्ष गौला नदी में उप खनिज कम आने के चलते सरकार ने इस सत्र में गौला नदी से मात्र 18 लाख 47 हजार घन मीटर ही उप खनिज निकासी का लक्ष्य रखा है । जिसमे अभी तक 13 लाख घन मीटर से अधिक की निकासी हो चुकी है । ऐसे में जून माह तक चलने वाली गौला नदी इस बार मार्च के पहले सप्ताह में बंद होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में खनन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों के ऊपर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो हो सकता है। यही नहीं नदी में उप खनिज कम आने के चलते अब रेता बजरी के साथ मिट्टी भी आनी शुरू हो गई है।


Body: वन क्षेत्राधिकारी गौला रेंज आर पी जोशी के अनुसार इस वर्ष गौला नदी से उप खनिज निकासी के लिए शासन से 18 लाख 47 हजार घनमीटर लक्ष्य की अनुमति है जिसमें विभाग ने अभी तक 13 लाख घन मीटर से अधिक की निकासी करा चुका है ।ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले वर्ष खनन सत्र 2018 -19 खनिज के लिए 58 मीटर लक्ष्य रखा गया था जिससे सरकार को करोड़ों की राजस्व भी प्राप्ति हुई थी ।लेकिन इस बार मात्र 18 लाख 47 हजार घन मीटर उप खनिज का लक्ष्य पूरा होने जा रहा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार गौला नदी से खनन कारोबार से सरकार को जहां करोड़ों का राजस्व का नुकसान होगा तो वही खनन से जुटे हजारों कारोबारियों को रोजी रोटी का संकट का सामना उठाना पड़ सकता है।


Conclusion:यही नहीं गौला नदी में उप खनिज कम आने के चलते अब खनन के दौरान रेता बजरी के साथ मिट्टी भी आने शुरू हो गई है। जिसके चलते स्टोन क्रेशर उप खनिज की खरीद में आनाकानी भी कर रहे हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक गौला नदी इस सत्र के लिए बंद हो सकती है। । बाइट -आर पी जोशी वन क्षेत्राधिकारी गौला रेंज
Last Updated : Feb 5, 2020, 1:01 PM IST
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