हल्द्वानी: उत्तराखंड के आंचल डेरी से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को पिछले एक साल से प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से उनके सामने संकट खड़ा हो गया है. कोरोना में आर्थिक संकट से पहले से परेशान चल रहे दुग्ध उत्पादक परेशान हैं.
बताया जा रहा है कि करीब 52,000 दुग्ध उत्पादक हैं जिन्हें जुलाई 2020 से अभी तक का प्रोत्साहन राशि नहीं मिला है. जो करीब 24 करोड़ बकाया है. इस पूरे मामले विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि कोविड के चलते प्रोत्साहन राशि में देरी हुई है. इस संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता की जा चुकी है बजट जारी होते ही दुग्ध उत्पादकों का उनका प्रोत्साहन राशि दे दिया जाएगा.
उत्तराखंड आंचल डेरी से जुड़े काश्तकारों और पशुपालकों को उनके आमदनी में इजाफा करने के लिए सरकार द्वारा प्रति लीटर 4 रुपये दुग्ध पर राशि दी जाती है. लेकिन दूग्ध उत्पादक सहकारी संघ से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को जुलाई 2020 से दुग्ध का प्रोत्साहन राशि नहीं मिला है. एससी एसटी वर्ग के दुग्ध उत्पादकों का प्रोत्साहन राशि का भुगतान मार्च 2021 तक हो चुका है. लेकिन सामान्य वर्ग के दुग्ध उत्पादकों का प्रोत्साहन राशि करीब एक साल से नहीं मिल पाया है.
गौरतलब है कि, आंचल डेरी से जुड़े प्रदेश के करीब 52,000 दुग्ध उत्पादक रोजाना आंचल डेरी को करीब 1,90,000 लीटर दुग्ध उपार्जन कर संघ को देते हैं. ऐसे में इनके प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से उत्पादक परेशान हैं.
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बताया जा रहा है कि मार्च 2021 में सरकार द्वारा आखिरी ₹10 करोड़ प्रोत्साहन राशि जारी की गई थी. जिसके बाद से अभी तक कोई भी धनराशि जारी नहीं की गई है. इस पूरे मामले विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि कोविड के चलते प्रोत्साहन राशि में देरी हुई है.