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रामनगरः प्रवासी पक्षियों की चहचहाट से गुलजार हुआ कॉर्बेट पार्क, बर्ड लवर्स के खिले चेहरे

सर्दियां शुरू होते ही रामनगर की हसीन वादियों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा डाल लिया है. जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी पहुंच रहे हैं.

प्रवासी
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Published : Jan 28, 2020, 8:15 AM IST

Updated : Jan 28, 2020, 8:50 AM IST

रामनगरः कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा है. हिमालय और लद्दाख की पहाड़ियों से निकलकर यह पक्षी रामनगर और कॉर्बेट की नदियों में आकर शोभा बढ़ा रहे हैं. पक्षी प्रेमी इन पक्षियों को देखने के लिए दूर- दूर से रामनगर पहुंच रहे हैं. वहीं इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा वन विभाग के लिए भी बड़ी चुनौती बनी हुई है.

प्रवासी पक्षियों की चहचहाट

सर्दियां शुरू होते ही कॉर्बेट लैंड स्केप के जलाशयों में साइबेरियन व तिब्बत से प्रवासी पक्षियों ने पहुंचना शुरू कर दिया है. कोसी नदी रामगंगा नदी समेत आस-पास की नदियों व जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है.

जलाशयों में अठखेली करते परिंदों के दीदार को पक्षी प्रेमी और सैलानी पहुंच रहे हैं. कॉर्बेट लैंड स्केप में 550 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं. लेकिन सर्दियों में सुर्खाब, वाल क्रीपर,ब्लैक स्टॉर्क, पिनटेल, कार्बोरेन्ट समेत तमाम किस्म के परिन्दों के पहुंचने से कोसी, रामगंगा नदी, भोगपुर बौर व हरिपुरा जलाशय गुलजार हो गए हैं.

बता दें कि प्रवासी पक्षी कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले बर्ड वाचर की पहली पसंद होते हैं. सुर्खाब यानी रैडी शैल डक का आकर्षण सबसे ज्यादा रहता है. विदेशी मेहमान भोजन व प्रजनन के लिए सैकड़ों मील का सफर तयकर ठंडे देशों से पहुंचते हैं.

इस समय कोसी नदी में कई मेहमान पक्षियों के कलरव से वातावरण गूंज रहा है. 100 से अधिक संख्या में जोड़े सुर्खाब कोसी नदी के जल में अठखेलियां करते हुए देख सकते हैं. इसके अलावा ग्रेट कॉरवॉरेन्ट के लगभग 20 जोड़े और ब्लैक विंग्ड सटलिट के 10 जोड़े पहुंचे हुए हैं.

यह प्रवासी पक्षी यहां आने के साथ साथ पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए रोजी रोटी भी लेकर आते हैं. पर्यटकों की ख्वाइश के अनुसार यहां के नेचर गाइड जलाशयों में इन परिंदों का दीदार कराकर अपनी जीविका चलाते हैं. बता दें कि मार्च के अंतिम सप्ताह से परिन्दे अपने घरों को वापस लौटना शुरू हो जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः वृक्षारोपण की असफलता से हुआ मैती आंदोलन का जन्म, ऐसे लिखी कल्याण सिंह रावत ने इबारत

कॉर्बेट नेशनल पार्क और इसके लैंड स्केप एरिया में वातावरण व ईकोलॉजी इतनी अच्छी है कि सालों से यह प्रवासी पक्षी यहां आ रहे हैं. जिस वजह से पर्यटन से जुड़े लोगों की जीविका भी चल रही है.

जलाशयों में इनकी आमद के साथ-साथ इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वन महकमे पर है, जिसको लेकर वन महकमा चिंतित है. सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम की बात कर रहा है. प्रवासी पक्षियों की आमद पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए शुभ संकेत है.

इससे रोजगार को बढ़ावा तो मिल ही रहा है. साथ ही पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों की संख्या में भी हर साल इजाफा हो रहा है, परन्तु इन मेहमान पक्षियों की सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा है. इनकी सुरक्षा के लिए वन महकमे के अलावा स्थानीय जनता को भी इनकी निगरानी के लिए भागीदारी निभानी होगी, तभी यह सुरक्षित रह सकेंगे और इनकी संख्या में भी और बढ़ोतरी हो सकेगी.

रामनगरः कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा है. हिमालय और लद्दाख की पहाड़ियों से निकलकर यह पक्षी रामनगर और कॉर्बेट की नदियों में आकर शोभा बढ़ा रहे हैं. पक्षी प्रेमी इन पक्षियों को देखने के लिए दूर- दूर से रामनगर पहुंच रहे हैं. वहीं इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा वन विभाग के लिए भी बड़ी चुनौती बनी हुई है.

प्रवासी पक्षियों की चहचहाट

सर्दियां शुरू होते ही कॉर्बेट लैंड स्केप के जलाशयों में साइबेरियन व तिब्बत से प्रवासी पक्षियों ने पहुंचना शुरू कर दिया है. कोसी नदी रामगंगा नदी समेत आस-पास की नदियों व जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है.

जलाशयों में अठखेली करते परिंदों के दीदार को पक्षी प्रेमी और सैलानी पहुंच रहे हैं. कॉर्बेट लैंड स्केप में 550 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं. लेकिन सर्दियों में सुर्खाब, वाल क्रीपर,ब्लैक स्टॉर्क, पिनटेल, कार्बोरेन्ट समेत तमाम किस्म के परिन्दों के पहुंचने से कोसी, रामगंगा नदी, भोगपुर बौर व हरिपुरा जलाशय गुलजार हो गए हैं.

बता दें कि प्रवासी पक्षी कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले बर्ड वाचर की पहली पसंद होते हैं. सुर्खाब यानी रैडी शैल डक का आकर्षण सबसे ज्यादा रहता है. विदेशी मेहमान भोजन व प्रजनन के लिए सैकड़ों मील का सफर तयकर ठंडे देशों से पहुंचते हैं.

इस समय कोसी नदी में कई मेहमान पक्षियों के कलरव से वातावरण गूंज रहा है. 100 से अधिक संख्या में जोड़े सुर्खाब कोसी नदी के जल में अठखेलियां करते हुए देख सकते हैं. इसके अलावा ग्रेट कॉरवॉरेन्ट के लगभग 20 जोड़े और ब्लैक विंग्ड सटलिट के 10 जोड़े पहुंचे हुए हैं.

यह प्रवासी पक्षी यहां आने के साथ साथ पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए रोजी रोटी भी लेकर आते हैं. पर्यटकों की ख्वाइश के अनुसार यहां के नेचर गाइड जलाशयों में इन परिंदों का दीदार कराकर अपनी जीविका चलाते हैं. बता दें कि मार्च के अंतिम सप्ताह से परिन्दे अपने घरों को वापस लौटना शुरू हो जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः वृक्षारोपण की असफलता से हुआ मैती आंदोलन का जन्म, ऐसे लिखी कल्याण सिंह रावत ने इबारत

कॉर्बेट नेशनल पार्क और इसके लैंड स्केप एरिया में वातावरण व ईकोलॉजी इतनी अच्छी है कि सालों से यह प्रवासी पक्षी यहां आ रहे हैं. जिस वजह से पर्यटन से जुड़े लोगों की जीविका भी चल रही है.

जलाशयों में इनकी आमद के साथ-साथ इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वन महकमे पर है, जिसको लेकर वन महकमा चिंतित है. सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम की बात कर रहा है. प्रवासी पक्षियों की आमद पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए शुभ संकेत है.

इससे रोजगार को बढ़ावा तो मिल ही रहा है. साथ ही पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों की संख्या में भी हर साल इजाफा हो रहा है, परन्तु इन मेहमान पक्षियों की सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा है. इनकी सुरक्षा के लिए वन महकमे के अलावा स्थानीय जनता को भी इनकी निगरानी के लिए भागीदारी निभानी होगी, तभी यह सुरक्षित रह सकेंगे और इनकी संख्या में भी और बढ़ोतरी हो सकेगी.

Intro:Note-ये स्पेशल स्टोरी है,रेडी टू पैकेज के साथ भेजी गयी है।
intro.- सर्द ऋतु के प्रारम्भ से ही प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। रामनगर और कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियो का जमावड़ा लगा है। हिमालय और लद्दाख की पहाडियों से निकल कर यह पक्षी रामनगर और कॉर्बेट की नदियों में आकर शौभा बड़ा रहे है । जो पक्षी प्रेमी है इन पक्षियों को देखने के लिए दूर दूर से आकर रामनगर पहुंचते है । वही इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के अधिकारी के लिए भी चुनोती होती है

Body:vo.- सर्दियाँ शुरू होते ही कॉर्बेट लेण्ड स्केप के जलाशयों में साइबेरियन व तिब्बत से प्रवासी पक्षियों ने पहुँचना शुरू कर दिया है।कोसी नदी रामगंगा नदी समेत आस पास कि नदियो व जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है। जलाशयों में अठखेलियाँ करते परिंदो के दीदार को पक्षी प्रेमी व सैलानी पहुँच रहे है। कॉर्बेट लेण्ड स्केप में साढ़े पाँच सौ से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियाँ पायी जाती है।मगर सर्दियों में सुर्खाब,वाल क्रीपर ,ब्लैक स्टॉर्क, पिनटेल , कार्बोरेन्ट समेत तमाम किस्म के परिन्दो के पहुँचने से कोसी, रामगंगा नदी,भोगपुर बौर व हरिपुरा जलाशय गुलज़ार हो गए है। आपको बता दे की प्रवासी पक्षी कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले बर्ड वाचर कि पहली पसंद होते है। सुर्खाब यानि रैडी शैल डक का आकर्षण सबसे ज्यादा रहता है। विदेशी मेहमान भोजन व प्रजनन के लिए सैकड़ो मील का सफ़र तय कर ठन्डे देशो से पहुँचते है।इस समय कोसी नदी में कई मेहमान पक्षियों के करलव से वातावरण गूँज रहा है। सौ से अधिक संख्या में जोड़े सुर्खाब कोसी नदी के जल में अठखेलिया करते हुए देख सकते है इसके अलावा ग्रेट कॉरवॉरेन्ट के लगभग बीस जोड़े और ब्लैक विंग्ड सटलिट के दस जोड़े पहुंचे हुए है।यह प्रवासी पक्षी यहाँ आने के साथ साथ पर्यटन से जुड़े कारोबारियो के लिए रोजी रोटी भी लेकर आते है।पर्यटको कि ख्वाइश के अनुसार यहाँ के नेचर गाइड जलाशयों में इन परिंदो का दीदार करा कर अपनी जीविका चलाते है।आपको बता दे की मार्च के अंतिम सप्ताह से परिन्दे अपने घरो को वापस लौटना शुरू हो जाते है।
बाइट 1- जशवंत सिंह बिष्ट ( पक्षी प्रेमी )
वी ओ 2 - कॉर्बेट नेशनल पार्क और इसके लेण्ड स्केप एरिया में वातावरण व ईकोलॉजी इतनी अच्छी है।कि सालो से यह प्रवासी पक्षी यहाँ आ रहे है । जिस वजह से पर्यटन से जुड़े लोगो कि जीविका भी चल रही है।जलाशयों में इनकी आमद के साथ साथ इनकी सुरक्षा कि बड़ी जिम्मेदारी वन महकमे पर है।जिसको लेकर वन महकमा चिंतित है।सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम की बात कर रहा है।

बाइट 2 - बीपी सिंह ( डी एफ ओ, रामनगर वन प्रभाग )
एफ वी ओ - प्रवासी पक्षियों कि आमद पर्यटन से जुड़े कारोबारियो के लिए शुभ संकेत है।इससे रोजगार को बढ़ावा तो मिल ही रहा है। साथ ही पर्यटको और पक्षी प्रेमियो कि संख्या में भी हर साल इजाफा हो रहा है।परन्तु इन मेहमान पक्षियों कि सुरक्षा भी एक अहम् मुद्दा है।इनकी सुरक्षा के लिए वन महकमे के अलावा स्थानीय जनता को भी इनकी निगरानी के लिए भागीदारी निभानी होगी।तभी यह सुरक्षित रह सकेंगे और इनकी संख्या में भी और बढ़ोत्तरी हो सकेगी है।Conclusion:
Last Updated : Jan 28, 2020, 8:50 AM IST
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