रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के झिरना रेंज में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कॉर्बेट की सीमा से लगते उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में वन्यजीवों का और वनों का संरक्षण एवं संवर्धन हो सके उसे लेकर कई महत्वपूर्ण कदमों पर चर्चा की गई.
बता दें कॉर्बेट पार्क के झिरना रेंज में देर देर शाम रामनगर पहुंचे उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक केपी दुबे ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के अधिकारियों की एक बैठक ली. बैठक में कॉर्बेट पार्क में पोचर्स की घुसपैठ का मामला भी उठाया गया. इस पर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन (प्रधान मुख्य वन संरक्षक) ने कहा यूपी के अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया गया है कि इसके लिए पुख्ता इंतजाम किये जायें. साथ ही उन्होंने बताया कि बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों द्वारा सामंजस्य स्थापित करने, टेक्नोलॉजी शेयरिंग, एक दूसरे के साथ गश्त करने और सूचनाओं का आदान प्रदान करने पर चर्चा की गई.
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साथ ही बैठक में वन्यजीव अपराधियों का एक दूसरे को डाटा दिया गया. बैठक में महीने में दो बार संयुक्त गश्त करने का निर्णय लिया गया. ईको सेंसेटिव जोन और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में ईको टूरिज्म संचालित करने पर भी विचार विमर्श किया गया. बिजनौर के डीएफओ डॉ अनिल पटेल और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नीरज शर्मा को नोडल अधिकारी समन्वय समिति के लिए नियुक्त किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पूरे विश्व में और भी कई कीर्तिमान हासिल करेगा.
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पांच सूत्रीय मांगों को लेकर वन निगम कर्मियों ने दिया धरना: उत्तराखंड वन विकास निगम कर्मचारी संघ ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर वन निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. सभी मांगें पूरी न होने तक अनिश्चितकालीन धरना स्थल पर बैठ गए हैं. इस दौरान उन्होंने वन निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पांचों मांगों को पूरा करने की मांग की है. मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. बुधवार को धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि वन निगम के अधिकारी झूठे आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने दो माह का एरियर भुगतान करने, कोसी और दबका खनन सत्र 2015-16 में सेवानिवृत्त कर्मियों का चार साल का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने, समेत पांच सूत्रीय मांग की हैं.