हल्द्वानी: प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेज में फीस बढ़ाए जाने का विरोध शुरू हो गया है. मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि बढ़ाई गई फीस वापस नहीं ली गई तो रोज सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे. बुधवार को छात्रों ने हल्द्वानी में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
एमबीबीएस के प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की फीस देश के नामी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के मुकाबले 4 गुना है. मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि फीस अधिक होने के चलते उनके अभिभावकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. छात्रों को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए हर साल सवा चार लाख रुपए फीस के तौर पर देने पड़ रहे हैं, जिसे देना उनके बस से बाहर है. कई छात्र तो लोन लेकर पढ़ाई कर रहे हैं.
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छात्रों ने मांग की है कि सरकार बढ़ाई हुई फीस को तुरंत वापस ले. यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. एमबीबीएस के छात्र पूरे दिन पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद पिछले 5 दिनों से रोजाना मेडिकल कॉलेज गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं.
गौरतलब है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस के छात्रों को पहले अनुबंध के माध्यम से कम फीस पर उनकी पढ़ाई कराई जाती थी. अनुबंध के तौर पर मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले छात्रों को उत्तराखंड में 5 साल सरकारी अस्पताल में सेवा करना अनिवार्य था, लेकिन मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद बहुत से छात्र अनुबंध के नियमों का उल्लंघन कर निजी प्रैक्टिस करते थे या अन्य राज्यों में नौकरी करने लगते थे. इसके चलते मेडिकल कॉलेज को काफी नुकसान उठाना पड़ता था.
यहां तक कि उत्तराखंड सरकार को अस्पतालों में डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं हो पाते थे. ऐसे में अब सरकार ने मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के अनुबंध को अब खत्म कर दिया है, जिसके चलते इन छात्रों को अब मोटी फीस देनी पड़ रही है, जिसका छात्र अब विरोध कर रहे हैं.