हल्द्वानी: मॉनसून की पहली बारिश ने ही हल्द्वानी नगर निगम के दावों की पोल खोल कर रख दी थी. बारिश के बाद शहर की गलियां पानी से लबालब हो गई थी. लोगों के घरों और दुकानों तक में पानी भर गया था. अब इस मामले पर हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला को घेरना शुरू कर दिया है. हालांकि मेयर भी अब हल्द्वानी नगर निगम की टीम के साथ शहर का निरीक्षण कर रहे हैं.
हल्द्वानी नगर निगम हर साल दावा करता है कि शहर में पानी निकासी की पूरी व्यवस्था है. बरसात से पहले ड्रेनेज सिस्टम को हर साल लाखों रुपए खर्च करते दुरुस्त किया जाता है, लेकिन बरसात होते ही हल्द्वानी नगर निगम के सारे दावे पानी में धुल जाते हैं. ऐसा ही इस बार भी हुआ. दो दिन की बारिश में पूरा शहर पानी से लबालब हो गया था. वहीं, विधायक सुमित हृदयेश ने आरोप लगाया कि हल्द्वानी नगर निगम ने नालों की सफाई के नाम पर 18 लाख का बजट जारी किया था. उसके बाद भी नालों की सफाई नहीं हुई थी और उसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा. शहर की सड़कें तालाबों में तब्दील हो गई थी.
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हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने भी हल्द्वानी नगर निगम और मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. विधायक सुमित हृदयेश ने शहर में जलभराव के लिए सीधे हल्द्वानी नगर निगम और मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला को जिम्मेदार ठहराया था. विधायक सुमित हृदयेश का कहना था कि हल्द्वानी नगर निगम में योजनाओं की फाइलों को डंप किया जा रहा है.
विधायक सुमित हृदयेश के आरोप पर हल्द्वानी मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला अलग ही तर्क दे रहे हैं. मेयर का कहना है कि शहर में जलभराव का बड़ा कारण अतिक्रमण है और अतिक्रमण खुद कांग्रेस विधायक नहर को पाट कर उसके ऊपर पार्क बनाकर कर रहे हैं. यदि उन्हें नगर निगम को आइना दिखाना है तो सबसे पहले अपने खुद के अतिक्रमण को तोड़ें नहीं तो नगर निगम कार्रवाई करेगा. मेयर ने कहा कि नगर निगम ने पहले ही अतिक्रमण तोड़ने के लिए समय दिया हुआ है.
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हालांकि मेयर के इस आरोप पर विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला उनके ऊपर व्यक्तिगत बयान बाजी कर रहे हैं. मेयर द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं. उनकी एक-एक इंच जमीन फ्रीहोल्ड है. किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं है और जब आज के मेयर पार्षद हुआ करते थे उस समय जमीन फ्री होल्ड हुई है. विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि हो सकता है कि मेयर पुरानी बातों को भूल गए हों. लिहाजा उनकी सहानुभूति मेयर के साथ है.