नैनीतालः हाईकोर्ट ने महिलाओं को तीसरे बच्चे के जन्म के दौरान दिए जाने वाले मातृत्व अवकाश पर रोक लगा दी है. जिससे उन महिलाओं को बड़ा झटका लगा है जिन महिलाओं को तीसरा बच्चा होने वाला है. नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं.
पिछले साल 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजीव शर्मा की एकल पीठ ने प्रदेश में सरकारी नौकरी में कार्यरत महिलाओं को तीसरे बच्चे के जन्म के दौरान मातृत्व अवकाश देने के आदेश दिए थे.
इस आदेश को राज्य सरकार द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में स्पेशल अपील दायर कर चुनौती दी गई, जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी. इस आदेश के बाद तीसरे बच्चे के जन्म के दौरान महिलाओं को मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाएगा.
दरअसल हल्द्वानी निवासी उर्मिला ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनको तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश का लाभ अधिनियम के तहत नहीं दिया जा रहा है.
जिसके बाद मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजीव शर्मा की एकल पीठ ने 2018 में तीसरे बच्चे के जन्म के दौरान मातृत्व अवकाश नहीं दिए जाने के अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किया था.
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इस फैसले को राज्य सरकार ने अपनी विशेष अपील दायर कर कहा कि संविधान का अनुच्छेद 42 के नीति निर्देशक तत्वों के आधार पर मातृत्व अवकाश का लाभ राज्य सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होता, जबकि निजी क्षेत्र और कंपनियों में कार्यरत महिलाओं पर लागू होता है. लिहाजा एकल पीठ के आदेश को निरस्त किया जाए.
मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को खारिज कर दिया. साथ ही याचिका को निस्तारित भी कर दिया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश के बाद केवल 2 बच्चों के जन्म पर ही सरकारी नौकरी में नियुक्त महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा.