हल्द्वानी: अशोक चक्र से सम्मानित शहीद मोहन नाथ गोस्वामी की पत्नी भावना गोस्वामी को आज तक नौकरी नहीं मिल पाई है. आज जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी पहुंचे तो शहीद की पत्नी भावना फरियाद लेकर मुलाकात करने पहुंची. काफी मशक्कत के बाद भावना गोस्वामी की सीएम धामी से मुलाकात (bhawana Goswami met cm pushkar dhami) हुई. जहां शहीद की पत्नी ने कहा कि उसके पति 2015 में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे, लेकिन 6 साल बाद भी उसको कोई नौकरी नहीं दी गई.
शहीद की पत्नी भावना गोस्वामी ने कहा कि उस समय सरकार की ओर से उसे सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की गई, लेकिन सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी किया है. उन्होंने कहा कि बीते कई सालों से नौकरी के लिए वो मुख्यमंत्री दरबार में चक्कर लगा रहीं हैं. उसे केवल अधिकारियों और मंत्रियों से आश्वासन ही मिल रहा है. जबकि, सरकार शहीदों के सम्मान की बात तो करती है, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं दे पाई है. भावना गोस्वामी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चेतावनी दी है कि अगर 3 दिन के भीतर में उसे नौकरी नहीं दी गई तो अपने बच्ची के साथ हल्द्वानी में धरने पर बैठेंगी.
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मोहन नाथ गोस्वामी ने मार गिराए थे 10 आंतकीः गौर हो कि शहीद मोहन नाथ गोस्वामी (Martyr Mohan Nath Goswami) जम्मू के हंदवाड़ा में साल 2015 में आतंकियों से लोहा लेते हुए 10 आतंकियों को मार गिराया था. जिसके बाद सरकार ने अशोक चक्र से सम्मानित (Ashok Chakra to Mohan Nath Goswami) किया था. उस दौरान तत्कालीन सरकार की ओर से शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिलने से शहीद की पत्नी दर-दर की ठोकरें खा रही है. ऐसे में भावना गोस्वामी (bhawana Goswami Angry over not getting job) ने धरने पर बैठने की चेतावनी दी है.
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