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मौसम बदलते ही बढ़ा वायरल फीवर का प्रकोप, अस्पतालों में लगी लंबी लाइनें - कालाढूंगी में वायरल फीवर

कालाढूंगी सहित कोटाबाग, बैलपड़ाव, चकलुवा के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में वायरल फीवर से पीड़ित लोगों की भीड़ लगी हुई है. बुखार होने पर डॉक्टर तुरंत जांच की सलाह दे रहे हैं.

लगातार बढ़ रहा वायरल फीवर.
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Published : Aug 14, 2019, 3:07 PM IST

कालाढूंगी: बरसात के मौसम में कोटाबाग सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लोग वायरल फीवर की चपेट में हैं. जिसके चलते बच्चे, बूढ़े और जवान लोग काफी परेशान हैं. अस्पतालों में लोगों की लम्बी लाइनें लगी हुई हैं. डॉक्टरों की मानें तो यह बुखार भी दूसरे बुखार की तरह ही होता है, लेकिन समय पर ध्यान न देने से यह बुखार खतरनाक रूप भी ले सकता है. वहीं, कालाढूंगी सीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अमित मिश्रा ने कहा कि अगर बुखार कुछ ही दिन में ठीक नहीं होता तो जांच अवश्य कराएं.

बता दें कि पिछले कई दिनों से कालाढूंगी सहित कोटाबाग, बैलपड़ाव, चकलुवा के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में वायरल फीवर से पीड़ित लोगों की भीड़ लगी हुई है. डॉक्टरों की मानें तो इस बुखार के कारण खांसी, सर्दी-जुकाम, बदन दर्द और सिर दर्द से लोग से परेशान रहते हैं.

बढ़ रहा वायरल फीवर का कहर.

पढ़ें: दहेज के लिए ससुराल वालों ने महिला को बेरहमी से पीटा, मौत के बाद भी पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

वहीं, डॉ. अमित मिश्रा ने कहा कि इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है. जिस कारण फीवर होना स्वभाविक है. सर्दी, जुकाम, आंखों में जलन, सिर दर्द, बदन दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. साथ ही सफाई का विशेष ध्यान रखें.

कालाढूंगी: बरसात के मौसम में कोटाबाग सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लोग वायरल फीवर की चपेट में हैं. जिसके चलते बच्चे, बूढ़े और जवान लोग काफी परेशान हैं. अस्पतालों में लोगों की लम्बी लाइनें लगी हुई हैं. डॉक्टरों की मानें तो यह बुखार भी दूसरे बुखार की तरह ही होता है, लेकिन समय पर ध्यान न देने से यह बुखार खतरनाक रूप भी ले सकता है. वहीं, कालाढूंगी सीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अमित मिश्रा ने कहा कि अगर बुखार कुछ ही दिन में ठीक नहीं होता तो जांच अवश्य कराएं.

बता दें कि पिछले कई दिनों से कालाढूंगी सहित कोटाबाग, बैलपड़ाव, चकलुवा के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में वायरल फीवर से पीड़ित लोगों की भीड़ लगी हुई है. डॉक्टरों की मानें तो इस बुखार के कारण खांसी, सर्दी-जुकाम, बदन दर्द और सिर दर्द से लोग से परेशान रहते हैं.

बढ़ रहा वायरल फीवर का कहर.

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वहीं, डॉ. अमित मिश्रा ने कहा कि इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है. जिस कारण फीवर होना स्वभाविक है. सर्दी, जुकाम, आंखों में जलन, सिर दर्द, बदन दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. साथ ही सफाई का विशेष ध्यान रखें.

Intro:बदलते मौसम के साथ-साथ हमारे शरीर में भी कई तरह के बदलाव आते हैं। ऐसे में सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, बदन दर्द का होना एक आम बात है। मौसम के बदलने के कारण तापमान में होने वाले उतार चढ़ाव के चलते या संक्रमण के कारण लोग बुखार से पीड़ित होने लगते हैं। वायरल एक ऐसा ही मौसमी संक्रमण वाला बुखार होता है जिसकी चपेट में इन दिनों कालाढूंगी व कोटाबाग सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी हैं।Body:इन दिनों कभी भयंकर गर्मी तो कभी वर्षा से मौसम में ठंडक बस यही फैलते वायरल का कारण बन रहा है। दूसरा कारण इन दिनों फ्रिज का ठंडा पानी पीना वर्षा में भीग जाना भी वायरल फीवर को निमंत्रण देता है। यह बुखार बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है जिससे यह बुखार एक साथ कई लोगों को हो जाता है। विगत कई दिनों से कालाढूंगी सहित कोटाबाग, बैलपड़ाव, चकलुवा के सरकारी अस्पतालों एवं निजी डाक्टरों की दुकानों में वायरल फीवर से पीड़ित लोगों की भीड़ लगी हुई है। चिकित्सकों की माने तो यह बुखार भी दूसरे बुखारों की तरह ही होता है लेकिन समय पर ध्यान न देने से यह बुखार खतरनाक रूप भी ले सकता है। इस लिए इसके इलाज में देरी न करें। देखा जाए तो जवान, बुजुर्ग, बच्चे खांसी, जुकाम और बुखार से परेशान दिख रहे हैं। तेज बुखार के साथ जुकाम, सिर, गले व बदन दर्द, खांसी के चलते बड़ों के कामकाज तो बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। इसी वजह से आजकल अस्पतालों, मेडिकल, निजी डाक्टरों के यहां ऐसे मरीजों की तादात बढ़ती जा रही है।Conclusion:कालाढूंगी सीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी डा, अमित मिश्रा ने बताया कि इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है। फीवर होना स्वभाविक है ऐसे में घबराने की जरूरत नही। सर्दी, जुकाम, आंखों में जलन, सर दर्द, बदन दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। सफाई पर विशेष ध्यान रखें। खाने से पहले हाथ साबुन या राख से अच्छी तरह धोएं। ताजा खाना व फल खाएं देर का रखा यानी बासी खाना न खाएं। पानी उबालकर कर ही पिएं। वर्षा में न भीगें। अपने घर के आसपास पानी एकत्र न होने दें। कूलर के पानी को हर तीसरे दिन बदलें। खुद और अपने बच्चों को फुल शर्ट और पेंट पहनाएं। घर के पास नाली में कीटनाशक दवा डालते रहें। कुछ दिन में बुखार के ठीक न होने पर बुखार की जांच अवश्य कराएं।
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