नैनीताल: कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुई सरिता आर्य को पार्टी ने नैनीताल विधानसभा सीट से टिकट दिया है. लेकिन उनको टिकट देते ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है. नैनीताल विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी कर रहे अन्य नेताओं ने बगावाती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. आधा दर्जन दावेदार सरिता आर्य का विरोध कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी और नैनीताल विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे वाले दिनेश आर्य, कमला आर्य, प्रकाश आर्य, मोहन पाल और हेम आर्य ने सरिता आर्य को टिकट देने का खुलकर किया. दिनेश आर्य ने कहा कि बीजेपी हाईकमान ने संगठन में लंबे समय से सेवा कर रहे कार्यकर्ताओं का अपमान किया है. टिकट वितरण में उनकी अनदेखी की गई है, जिसका नैनीताल विधानसभा सीट में कार्यकर्ता जमकर विरोध कर रहे हैं.
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नैनीताल विधानसभा सीट से टिकट की आस लगाई बैठी बीजेपी नेता कमला आर्य ने कहा कि इस बार चुनाव में बीजेपी का कांग्रेस से नहीं बल्कि कांग्रेस का कांग्रेस से आपस में मुकाबला है. 3 दिन पहले कांग्रेस छोड़कर आई प्रत्याशी 2 महीने पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नेता के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं ने सरिता आर्य का विरोध किया है.
इस दौरान मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी और दिनेश आर्य ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता ने पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से मिलकर पहले सरिता आर्य को बीजेपी की सदस्यता दिलाई और फिर टिकट भी दिला दिया. ताकि यहां से यशपाल आर्य जीत सकें.
दिनेश आर्य ने कहा कि इस बार यशपाल आर्य के सामने नैनीताल विधानसभा सीट से जीतना नाक का सवाल है. जिस वजह से यशपाल आर्य के इशारों पर इस तरह के कृत्य किए जा रहे हैं. दिनेश ने कहा कि पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर जान-बूझकर कर कमजोर प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया. पार्टी के बड़े नेता ने पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस में वापसी कर चुके यशपाल आर्य के साथ टिकट फिक्सिंग का खेल खेलकर कमजोर प्रत्याशी के रूप में सरिता आर्य का चयन कराया है. इस दौरान नैनीताल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की सोच रहे सभी दावेदारों ने जल्द ही बैठक कर अपना नेता चुन भाजपा का दामन छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए हैं.