नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी के कल यानी 26 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनके स्थान पर अब उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी को उत्तराखंड हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद बुधवार को गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है. न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनने पर हाईकोर्ट के अध्यक्ष डीसीएस रावत सहित अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों में खुशी का माहौल है.
पिथौरागढ़ में ली स्कूली शिक्षा: न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी का जन्म 19 सितंबर, 1965 को पिथौरागढ़ में हुआ. उनके पिता एनबी तिवारी एक नामित वरिष्ठ वकील रहे हैं. जबकि उनके दादा राम दत्त भी जिला पिथौरागढ़ में एक प्रमुख वकील थे. उनकी 10वीं तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय पिथौरागढ़ में हुई. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़ से किया.
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2017 में बने उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश: 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया. 1990 में बार काउंसिल ऑफ इलाहाबाद यूपी में पंजीकृत हुए और उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में प्रैक्टिस शुरू की. साल 2000 में उत्तराखंड उच्च न्यायालय बनने पर नैनीताल स्थानांतरित हो गए और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में वकालत करने लगे. 20 मई 2009 को उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया. 2008 में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, नैनीताल के अध्यक्ष बने. उन्होंने विभिन्न मामलों में राज्य सरकार की ओर से विशेष वकील के रूप में पैरवी की. 19 मई 2017 को उन्हें उत्तराखंड उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.