हल्द्वानी: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय(Uttarakhand Open University) में हुई नियुक्तियों पर उठे सवाल के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस पर सफाई दी है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ओपीएस नेगी ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कुछ लोग विश्वविद्यालय की 56 भर्ती प्रकरण को बेवजह मीडिया में उठाकर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो विश्वविद्यालय के शिक्षार्थियों के साथ खिलवाड़ है. कुलपति ने कहा ये 56 अस्थाई नियुक्तियां उनके कार्यकाल से पूर्व की हैं. सभी भर्तियां मानक के अनुरूप की गई हैं.
उन्होंने कहा विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर फरवरी 2019 में कार्यभार ग्रहण किया था. ऑडिट आपत्ति वाली सभी नियुक्तियां 2017 से पूर्व की हैं. यह ऑडिट आपत्ति 2018-19 में लगी थीं. यह आंतरिक ऑडिट समिति की आपत्तियां थी. आपत्तियों के निस्तारण हेतु सुपष्ट आख्या तैयार कर नियुक्ति के प्राविधानों के अभिलेख लगागर निस्तारण हेतु शासन को प्रेषित किया गया था, लेकिन शासन स्तर पर समय रहते इनका निस्तरण नहीं हो पाया.
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कुलपति ने कहा यह सभी नियुक्तियां नियमानुसार हुई हैं. यह नितांत अस्थायी हैं. नियुक्तियों के इस विवाद में विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत को क्लीनचिट देते हुए कहा है कि भर्तियों में उच्च शिक्षा मंत्री व किसी अन्य का नाम जोड़ा जाना उचित नहीं है. विश्वविद्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मीडिया यदि अब कोई भी मीडिया कर्मी या अन्य व्यक्ति मीडिया में बिना तथ्यों को समझे बगैर इसे लेकर अनर्गल खबरें प्रकाशित करता है, वाइरल करता है तो उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के लिए मजबूर होना होगा,
कुलपति ने कहा आज विश्वविद्यालय में लगभग 1 लाख शिक्षार्थी अध्ययनरत हैं. विश्वविद्यालय आज देश में ही नहीं विश्व में अपनी पहचान बना रहा है. साइबर सिक्वेरिटी व अन्य रोजगारपरक व विशिष्ट पाठ्यक्रमों के साथ विशेष शिक्षा जैसे अन्य पाठ्यक्रमों के संचालन से समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है.
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