हल्द्वानीः सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर यानी मंगलवार को लगने जा रहा है. देश और दुनिया में साल 2022 का आखिरी ग्रहण देखने को मिलेगा. यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. 15 दिनों के अंतराल पर यह दूसरा ग्रहण होगा. इसके पहले बीते 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था. ज्योतिष के अनुसार 200 साल बाद इस तरह का योग बन रहा है. जहां 15 दिनों के भीतर में दो ग्रहण एक साथ लगे हैं, जो अशुभ माना जाता है. इस चंद्र ग्रहण का मोक्ष भारत में होगा.
ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी (Astrologer Naveen Chandra Joshi) के मुताबिक, चंद्र ग्रहण भारत में चंद्र उदय से पहले लग रहा है, लेकिन भारत में चंद्र ग्रहण शाम 5.15 बजे शुरू होगा, जो शाम 6.30 बजे खत्म हो जाएगा. ऐसे में भारत में करीब सवा घंटा चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. सूतक काल सुबह 8.25 बजे शुरू होगा, जो शाम 6.30 बजे समाप्त होगा. सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. इसके अलावा कोई भी धार्मिक मांगलिक कार्य सूतक काल के दौरान नहीं किया जाता है.
चंद्र ग्रहण 2022 (lunar eclipse 2022) में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले लगेगा. 8 नवंबर को लगने वाला चंद्रग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया और पैसिफिक में दिखाई देगा. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन जोशी के मुताबिक, इस चंद्र ग्रहण का भारत में बड़ा ही महत्व है, क्योंकि सूर्य ग्रहण के बाद 15 दिन के भीतर में चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो अपने आप में अशुभ माना जाता है. जब इस तरह के ग्रहण लगने से विश्व में कहीं न कहीं कोई बड़ी आपदा और हानि के योग बन सकते हैं.
चंद्र ग्रहण का असरः ज्योतिष के अनुसार, 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण पश्चिमी देशों के लिए अशुभ हो सकता है. इसका इन देशों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. भारत के दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण आर्थिक स्थिति को कमजोर कर सकता है. राजनीतिक दृष्टि पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ेगा. इस चंद्र ग्रहण का भारत समेत पूरे विश्व में कहीं न कहीं प्रतिकूल हो सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा अशुभ पश्चिमी देशों को हो सकता है. ग्रहों के अनुसार, ग्रहण के बाद पश्चिमी देशों में उथल-पुथल की स्थिति हो सकती है. कई देशों में आपसी तनाव हो सकती है.
चंद्र ग्रहण में क्या करें क्या न करेंः ज्योतिषियों की मानें तो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए. इस दौरान न ही भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए. चंद्रग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए.
ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए. ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए. ग्रहण के असर को कम करने के लिए चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.