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स्टोन क्रशर संचालकों के हड़ताल से करोड़ों का नुकसान, मजूदरों और गाड़ी मालिकों के सामने रोजगार का संकट

स्टोन क्रशर संचालकों के हड़ताल पर जाने से खनन का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है. जिससे करीब रोजाना 2 करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं खनन के काम में लगे मजदूरों और वाहन स्वामी पर रोजगार को लेकर संकट गहरा गया है.

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स्टोन क्रशर हड़ताल
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Published : Mar 1, 2020, 9:05 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं स्टोन क्रशर एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के सभी स्टोन क्रशर मालिक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं स्टोन क्रशर बंद होने से प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है. साथ ही खनन में लगे मजदूरों और वाहन स्वामी के सामने भी रोजगार को लेकर संकट गहरा गया है.

हल्द्वानी के सभी स्टोन क्रशर संचालक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, लिहाजा गौला नदी में खनन से जुड़े हजारों मजदूरों और वाहन स्वामी पर रोजगार का संकट मंडरा रहा है. यही नहीं हड़ताल के चलते रोजाना करीब 2 करोड़ का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है.

स्टोन क्रशर हड़ताल

स्टोन क्रेशर संचालकों का कहना है कि इस व्यापार में अब उनको फायदा नहीं हो रहा है. ऊपर से अधिकारी उत्पीड़न कर रहे हैं. इसलिए क्रशर बंद करने में ही फायदा है. स्टोन क्रशर संचालकों के हड़ताल पर चले जाने से गौला नदी, नंधौर नदी सहित अन्य नदियों में खनन निकासी पूरी तरह से ठप्प हो गया है. वहीं नदियों में खनन का काम करने वाले मजदूरों और वाहन स्वामी के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है. बाहर से आकर यहां काम करने वाले मजदूर अब घर वापसी की तैयारी में लग गए हैं.

ये भी पढ़े: गौला नदी में दोबारा खनन की मिली अनुमति, राजस्व और रोजगार में मिलेगा फायदा

यही नहीं स्टोन क्रशर स्वामियों के हड़ताल पर चले जाने के चलते रोजाना करीब 2 करोड़ का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. ऐसे में स्टोन क्रशर स्वामी के साथ साथ सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

हल्द्वानी: कुमाऊं स्टोन क्रशर एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के सभी स्टोन क्रशर मालिक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं स्टोन क्रशर बंद होने से प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है. साथ ही खनन में लगे मजदूरों और वाहन स्वामी के सामने भी रोजगार को लेकर संकट गहरा गया है.

हल्द्वानी के सभी स्टोन क्रशर संचालक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, लिहाजा गौला नदी में खनन से जुड़े हजारों मजदूरों और वाहन स्वामी पर रोजगार का संकट मंडरा रहा है. यही नहीं हड़ताल के चलते रोजाना करीब 2 करोड़ का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है.

स्टोन क्रशर हड़ताल

स्टोन क्रेशर संचालकों का कहना है कि इस व्यापार में अब उनको फायदा नहीं हो रहा है. ऊपर से अधिकारी उत्पीड़न कर रहे हैं. इसलिए क्रशर बंद करने में ही फायदा है. स्टोन क्रशर संचालकों के हड़ताल पर चले जाने से गौला नदी, नंधौर नदी सहित अन्य नदियों में खनन निकासी पूरी तरह से ठप्प हो गया है. वहीं नदियों में खनन का काम करने वाले मजदूरों और वाहन स्वामी के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है. बाहर से आकर यहां काम करने वाले मजदूर अब घर वापसी की तैयारी में लग गए हैं.

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यही नहीं स्टोन क्रशर स्वामियों के हड़ताल पर चले जाने के चलते रोजाना करीब 2 करोड़ का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. ऐसे में स्टोन क्रशर स्वामी के साथ साथ सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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