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सड़क निर्माण की मांग पर हर बार मिलता रहा आश्वासन, अब लोकसभा चुनाव बहिष्कार का किया एलान

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Published : Mar 11, 2019, 10:42 PM IST

सतीश कॉलोनी के नागरिक पिछले कई वर्षों से सड़क की खस्ता हालत से परेशान हैं. जनप्रतिनिधयों के उदासीन रवैए से नागरिकों में भारी नाराजगी है. अब नागरिकों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है

सड़क निर्माण की मांग

हल्द्वानीः नगर निगम क्षेत्र के सतीश कॉलोनी के नागरिकों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों ने बैनर पोस्टर लगाकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से उनकी कॉलोनी की सड़क जर्जर हालत में है. नगर निगम चुनाव के समय चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन जिला प्रशासन के कहने पर उन्होंने मतदान किया, पर जिला प्रशासन ने सड़क नहीं बनवाई, लिहाजा मजबूरन अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और चुनाव में मतदान नहीं करेंगे.

हल्द्वानी नगर निगम के सतीश कॉलोनी के रहवासियों ने जिला प्रशासन और राजनेताओं के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि सीवर के नाम पर उनकी कॉलोनी की सड़क पिछले 1 साल पहले खोद दी गई थी, लेकिन सड़क आज तक नहीं बन पाई.कॉलोनी में करीब 60 परिवार सहित 300 से अधिक मतदाता रहते हैं.

जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. ग्रामीणों का कहना है कि पिछली बार नगर निगम चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन जिला प्रशासन के कहने पर उन्होंने मतदान किया, लेकिन जिला प्रशासन अब तक सड़क का निर्माण नहीं करवा पाया.

सतीश कॉलोनी के नागरिक सड़क की खस्ता हालत से परेशान हैं.स्थानीय लोगों ने अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि जबतक कि उनकी कॉलोनी की सड़क का निर्माण नहीं कराया जाता, तब तक रोज धरना प्रदर्शन करेंगे और मतदान का बहिष्कार करेंगे. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द सड़क निर्माण कराया जाए नहीं तो इसका खामियाजा जिला प्रशासन को भी भुगतना पड़ेगा.

हल्द्वानीः नगर निगम क्षेत्र के सतीश कॉलोनी के नागरिकों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों ने बैनर पोस्टर लगाकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से उनकी कॉलोनी की सड़क जर्जर हालत में है. नगर निगम चुनाव के समय चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन जिला प्रशासन के कहने पर उन्होंने मतदान किया, पर जिला प्रशासन ने सड़क नहीं बनवाई, लिहाजा मजबूरन अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और चुनाव में मतदान नहीं करेंगे.

हल्द्वानी नगर निगम के सतीश कॉलोनी के रहवासियों ने जिला प्रशासन और राजनेताओं के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि सीवर के नाम पर उनकी कॉलोनी की सड़क पिछले 1 साल पहले खोद दी गई थी, लेकिन सड़क आज तक नहीं बन पाई.कॉलोनी में करीब 60 परिवार सहित 300 से अधिक मतदाता रहते हैं.

जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. ग्रामीणों का कहना है कि पिछली बार नगर निगम चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन जिला प्रशासन के कहने पर उन्होंने मतदान किया, लेकिन जिला प्रशासन अब तक सड़क का निर्माण नहीं करवा पाया.

सतीश कॉलोनी के नागरिक सड़क की खस्ता हालत से परेशान हैं.स्थानीय लोगों ने अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि जबतक कि उनकी कॉलोनी की सड़क का निर्माण नहीं कराया जाता, तब तक रोज धरना प्रदर्शन करेंगे और मतदान का बहिष्कार करेंगे. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द सड़क निर्माण कराया जाए नहीं तो इसका खामियाजा जिला प्रशासन को भी भुगतना पड़ेगा.

Intro:पिथौरागढ़: आचार संहिता लागू होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे है। बात अगर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के टिकट से दावेदारी करने वालों की लंबी फ़ेहरिश्त है। आइये आपको बताते है वो कौन-कौन दावेदार है जो इस आरक्षित सीट से टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से वर्तमान में भाजपा से अजय टम्टा सांसद है जो मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री भी रहे है। इस बार भी इस संसदीय सीट से अजय टम्टा की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है। इसके अलावा इस सीट से राज्यमंत्री रेखा आर्य भी दावा ठोक चुकी है। साथ भाजपा के पास यशपाल आर्य का विकल्प भी खुला है मगर यशपाल की पहली पसंद नैनीताल लोकसभा सीट है। बागेश्वर से लगातार भाजपा के टिकट से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे चंदन राम दास भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की आस लगा रहे है। चंदन राम दास 3 बार लगातार भाजपा के टिकट से बागेश्वर सीट पर विधायक का चुनाव जीत चुके है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के भी कई नेता शुभकामना संदेशों के जरिये अपनी दावेदारी कर चुके है। इस सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा प्रबल दावेदार है मगर उनकी दावेदारी में पेंच फस रहा है। प्रदीप टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल 2021 तक है। चुनाव जीतने की स्थिति में टम्टा को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा। इस्तीफे के बाद ये सीट किसी भाजपा की झोली में जानी तय है। प्रदीप टम्टा के अलावा गीता ठाकुर, पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य, सज्जन लाल भी पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिये अपनी दावेदारी जता चुके हैं। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई गीता ठाकुर भी दावेदारी पेश कर रही हैं। गीता ठाकुर पूर्व में गंगोलीहाट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य भी टिकट के दावेदार है, हरीश चंद्र आर्य कुमाऊं केशरी खुसी राम के पौत्र है। वही कांग्रेस नेता सज्जन लाल टम्टा भी अपना टिकट पक्का मान रहे है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना तय है। दोनों ही मुख्य दलों से टिकट पाने के लिए सभी दावेदार अपने समर्थन में जोर आजमाइश की हुई है। मगर पार्टी हाईकमान किस नेता की दावेदारी पर मोहर लगाएगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

मयंक जोशी, ई टी वी भारत, पिथौरागढ़


Body:पिथौरागढ़: आचार संहिता लागू होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 की रणभेरी बज चुकी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे है। बात अगर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के टिकट से दावेदारी करने वालों की लंबी फ़ेहरिश्त है। आइये आपको बताते है वो कौन-कौन दावेदार है जो इस आरक्षित सीट से टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से वर्तमान में भाजपा से अजय टम्टा सांसद है जो मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री भी रहे है। इस बार भी इस संसदीय सीट से अजय टम्टा की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है। इसके अलावा इस सीट से राज्यमंत्री रेखा आर्य भी दावा ठोक चुकी है। साथ भाजपा के पास यशपाल आर्य का विकल्प भी खुला है मगर यशपाल की पहली पसंद नैनीताल लोकसभा सीट है। बागेश्वर से लगातार भाजपा के टिकट से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे चंदन राम दास भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की आस लगा रहे है। चंदन राम दास 3 बार लगातार भाजपा के टिकट से बागेश्वर सीट पर विधायक का चुनाव जीत चुके है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के भी कई नेता शुभकामना संदेशों के जरिये अपनी दावेदारी कर चुके है। इस सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा प्रबल दावेदार है मगर उनकी दावेदारी में पेंच फस रहा है। प्रदीप टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल 2021 तक है। चुनाव जीतने की स्थिति में टम्टा को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा। इस्तीफे के बाद ये सीट किसी भाजपा की झोली में जानी तय है। प्रदीप टम्टा के अलावा गीता ठाकुर, पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य, सज्जन लाल भी पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिये अपनी दावेदारी जता चुके हैं। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई गीता ठाकुर भी दावेदारी पेश कर रही हैं। गीता ठाकुर पूर्व में गंगोलीहाट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य भी टिकट के दावेदार है, हरीश चंद्र आर्य कुमाऊं केशरी खुसी राम के पौत्र है। वही कांग्रेस नेता सज्जन लाल टम्टा भी अपना टिकट पक्का मान रहे है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना तय है। दोनों ही मुख्य दलों से टिकट पाने के लिए सभी दावेदार अपने समर्थन में जोर आजमाइश की हुई है। मगर पार्टी हाईकमान किस नेता की दावेदारी पर मोहर लगाएगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

मयंक जोशी, ई टी वी भारत, पिथौरागढ़


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