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हल्द्वानी: पहली बार 3 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी लीसे की नीलामी

प्रदेश में 140 हजार कुंतल लीसे की नीलामी 3 जुलाई को होगी. ये नीलामी पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. अंदाजा लगाया जा रहा है, कि इस नीलामी से सरकार को 90 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा.

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Published : Jun 26, 2020, 9:59 AM IST

Updated : Jul 19, 2020, 12:09 PM IST

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पहली बार 3 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी लीसे की नीलामी.

हल्द्वानी: प्रदेश में पहली बार लीसे की नीलामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. ये नीलामी 3 जुलाई को राजधानी दून से होगी. लीसे की नीलामी के लिए अल्मोड़ा, नरेंद्र नगर, नैनीताल और हल्द्वानी का चयन किया गया है. इन जिलों के कारोबारी लीसे की नीलामी में बोली लगा सकते हैं. बताया जा रहा है, कि प्रदेश के चार लीसा डिपो में पिछले कई सालों से करीब 140 हजार कुंतल लीसा डंप पड़ा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है, इस नीलामी से सरकार को लगभग 90 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा.

प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि कुमाऊं मंडल के 3 लीसा डिपो, जबकि गढ़वाल की 1 लीसा डिपो में डंप पड़े लीसा की नीलामी होनी है. ये नीलामी पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देहरादून मुख्यालय से होगी. उन्होंने बताया कि, कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी स्थित सुल्तान नगरी और हनुमानगढ़ी लीसा डिपो में तकरीबन 90 हजार कुंतल लीसा डंप पड़ा है. इसकी कीमत, करीब 50 करोड़ से ज्यादा आंकी जा रही है, जबकि टनकपुर और गढ़वाल के नरेंद्र नगर के लीसा डिपो में लगभग 60 हजार कुंतल लीसा डंप पड़ा है.

पहली बार 3 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी लीसे की नीलामी.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड लॉकडाउनः नियमों का उल्लंघन करने पर 22 लोगों पर मुकदमा दर्ज, 977 गिरफ्तार

गौर हो, कि प्रदेश के जंगलों से हर साल लगभग 3 लाख कुंतल से अधिक लीसे की निकासी होती है. इससे प्रदेश सरकार के खजाने में तकरीबन 150 करोड़ का राजस्व आता है.

हल्द्वानी: प्रदेश में पहली बार लीसे की नीलामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. ये नीलामी 3 जुलाई को राजधानी दून से होगी. लीसे की नीलामी के लिए अल्मोड़ा, नरेंद्र नगर, नैनीताल और हल्द्वानी का चयन किया गया है. इन जिलों के कारोबारी लीसे की नीलामी में बोली लगा सकते हैं. बताया जा रहा है, कि प्रदेश के चार लीसा डिपो में पिछले कई सालों से करीब 140 हजार कुंतल लीसा डंप पड़ा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है, इस नीलामी से सरकार को लगभग 90 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा.

प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि कुमाऊं मंडल के 3 लीसा डिपो, जबकि गढ़वाल की 1 लीसा डिपो में डंप पड़े लीसा की नीलामी होनी है. ये नीलामी पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देहरादून मुख्यालय से होगी. उन्होंने बताया कि, कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी स्थित सुल्तान नगरी और हनुमानगढ़ी लीसा डिपो में तकरीबन 90 हजार कुंतल लीसा डंप पड़ा है. इसकी कीमत, करीब 50 करोड़ से ज्यादा आंकी जा रही है, जबकि टनकपुर और गढ़वाल के नरेंद्र नगर के लीसा डिपो में लगभग 60 हजार कुंतल लीसा डंप पड़ा है.

पहली बार 3 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी लीसे की नीलामी.

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गौर हो, कि प्रदेश के जंगलों से हर साल लगभग 3 लाख कुंतल से अधिक लीसे की निकासी होती है. इससे प्रदेश सरकार के खजाने में तकरीबन 150 करोड़ का राजस्व आता है.

Last Updated : Jul 19, 2020, 12:09 PM IST
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