हल्द्वानी: नैनीताल जिले के तराई के जंगलों से सटे आवासीय बस्ती के पास मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. शनिवार शाम को तेंदुए ने खेत में काम कर रहे दादा और पोते पर हमला कर दिया. हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि दोनों की चीख पुकार सुनने के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे, जिसके बाद तेंदुआ मौके से भाग खड़ा हुआ.
घटना के मुताबकि, शनिवार शाम करीब 4.30 बजे हल्दूचौड़ दौलिया नंबर 2 निवासी 65 वर्षीय दया कृष्ण चोपड़ा अपने खेतों में काम करने के लिए गए थे. उनके पीछे उनका 4 वर्षीय पोता भुविक चोपड़ा भी खेतों में आ गया. बालक खेलते खेलते वहां निर्माणाधीन मकान के अंदर चला गया. तभी अचानक वहां घात लगाए तेंदुए ने पोते भुविक पर हमला कर दिया. इससे भुविक घायल होकर चिल्लाने लगा. दादा दयाकृष्ण चोपड़ा तुरंत वहां पहुंचे तो तेंदुआ आक्रामक हो गया और दयाकृष्ण पर भी हमला कर दिया. दादा ने किसी पोते को तेंदुए की चंगुल से बचाया और हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए.
इस दौरान दोनों की चीख पुकार सुनकर गांववासी मौके पर पहुंचे. जिसके बाद तेंदुआ मौके से फरार हो गया. गांव वालों ने गंभीर रूप से घायल दादा-पोते को हल्दूचौड़ में भर्ती कराया. इसके बाद दोनों को 108 सेवा से हल्द्वानी ले जाया गया. उधर घटना की जानकारी हल्दूचौड़ पुलिस चौकी इंचार्ज सोमेंद्र सिंह ने वन विभाग के रेंजर सीएस अधिकारी को दी. वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मौके का जायदा लिया.
वहीं, हल्दूचौड़ जैसे क्षेत्र में तेंदुए के आगमन व हिंसक होकर गंभीर रूप से घायल करने से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी रोष है. उनका कहना है कि अब जंगली जानवर दिनदहाड़े लोगों पर हमला कर रहे हैं. इससे क्षेत्र में भय का माहौल है और भविष्य में कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती है.
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