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फाटो जोन से वन विभाग ने कमाए ₹92 लाख, 40 हजार सैलानी कर चुके हैं वन्यजीवों का दीदार - मॉनसून सीजन में सैलानियों का सबसे पसंदीदा जगह

रामनगर का फाटो ईको टूरिज्म जोन मॉनसून सीजन में सैलानियों का सबसे पसंदीदा जगह बन गया है. इस जोन में वन्यजीवों और प्रकृति को करीब से जानने के लिए सैलानियों का हुजूम उमड़ रहा है. जिससे वन विभाग की जमकर कमाई हो रही है. अभी तक वन विभाग सैलानियों से 92 लाख 50 रुपए कमा चुका है.

Eco Tourism Zone Phato
फाटो जोन
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Published : Aug 10, 2022, 1:45 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 4:00 PM IST

रामनगरः तराई पश्चिमी के फाटो ईको टूरिज्म जोन को जैव विविधता के लिहाज से खजाना माना जाता है. जहां कई प्रकार की वनस्पतियां और जीव जंतु मौजूद हैं. यही वजह कि फाटो पर्यटन जोन पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया है. इन दिनों यह जोन सैलानियों से गुलजार है. सैलानी करीब से वन्यजीवों को निहार रहे हैं. सैलानियों की उत्साह का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं, जनवरी से जुलाई तक 40 से सैलानी वन्यजीवों का दीदार कर चुके हैं. जिससे वन विभाग को लाखों का राजस्व मिला है.

बता दें कि वर्तमान समय में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) के केवल दो जोन खुले हुए हैं. जिसमें झिरना और ढेला जोन खुला हुआ है. इसके अलावा तराई पश्चिमी का फाटो जोन भी पर्यटकों के लिए खुला हुआ है. फाटो ईको टूरिज्म जोन (Eco Tourism Zone Phato) की शुरुआत जनवरी 2022 से हुई थी. इस जोन में 50 जिप्सियां सुबह और 50 जिप्सियां शाम की पाली में सैलानियों को सफारी पर लेकर जाती हैं. इस जोन में 50 गाइड की भर्तियां भी की गई है. ये 50 गाइड सैलानियों को जंगल और वन्यजीवों से रूबरू करवाते हैं. वहीं, जनवरी से 31 जुलाई तक 40 हजार से ज्यादा पर्यटक फाटो जोन में वन्यजीवों का दीदार कर चुके हैं.

40 हजार सैलानी कर चुके वन्यजीवों का दीदार.

ये भी पढ़ेंः फाटो रेंज में जल्द परवान चढ़ेगी ट्री हाउस योजना, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

फाटो जोन से मिला 92 लाख 50 हजार रुपए का राजस्वः रामनगर से फाटो ईको टूरिज्म जोन के प्रवेश द्वार की दूरी 18 किलोमीटर है. जबकि, फाटो जोन पहुंचने पर 18 किलोमीटर के जंगल क्षेत्र में पर्यटकों को सफारी कराई जाती है. तराई पश्चिमी के डीएफओ कुंदन कुमार (Terai Western DFO Kundan Kumar) ने बताया कि फाटो पर्यटन जोन की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई थी. जनवरी से जुलाई तक इस जोन से 92 लाख 50 हजार का राजस्व प्राप्त हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस जोन में और भी मूलभूत सुविधाओं के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. जिसे जल्द ही उच्च स्तर को भेजा जा रहा है.

रामनगरः तराई पश्चिमी के फाटो ईको टूरिज्म जोन को जैव विविधता के लिहाज से खजाना माना जाता है. जहां कई प्रकार की वनस्पतियां और जीव जंतु मौजूद हैं. यही वजह कि फाटो पर्यटन जोन पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया है. इन दिनों यह जोन सैलानियों से गुलजार है. सैलानी करीब से वन्यजीवों को निहार रहे हैं. सैलानियों की उत्साह का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं, जनवरी से जुलाई तक 40 से सैलानी वन्यजीवों का दीदार कर चुके हैं. जिससे वन विभाग को लाखों का राजस्व मिला है.

बता दें कि वर्तमान समय में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) के केवल दो जोन खुले हुए हैं. जिसमें झिरना और ढेला जोन खुला हुआ है. इसके अलावा तराई पश्चिमी का फाटो जोन भी पर्यटकों के लिए खुला हुआ है. फाटो ईको टूरिज्म जोन (Eco Tourism Zone Phato) की शुरुआत जनवरी 2022 से हुई थी. इस जोन में 50 जिप्सियां सुबह और 50 जिप्सियां शाम की पाली में सैलानियों को सफारी पर लेकर जाती हैं. इस जोन में 50 गाइड की भर्तियां भी की गई है. ये 50 गाइड सैलानियों को जंगल और वन्यजीवों से रूबरू करवाते हैं. वहीं, जनवरी से 31 जुलाई तक 40 हजार से ज्यादा पर्यटक फाटो जोन में वन्यजीवों का दीदार कर चुके हैं.

40 हजार सैलानी कर चुके वन्यजीवों का दीदार.

ये भी पढ़ेंः फाटो रेंज में जल्द परवान चढ़ेगी ट्री हाउस योजना, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

फाटो जोन से मिला 92 लाख 50 हजार रुपए का राजस्वः रामनगर से फाटो ईको टूरिज्म जोन के प्रवेश द्वार की दूरी 18 किलोमीटर है. जबकि, फाटो जोन पहुंचने पर 18 किलोमीटर के जंगल क्षेत्र में पर्यटकों को सफारी कराई जाती है. तराई पश्चिमी के डीएफओ कुंदन कुमार (Terai Western DFO Kundan Kumar) ने बताया कि फाटो पर्यटन जोन की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई थी. जनवरी से जुलाई तक इस जोन से 92 लाख 50 हजार का राजस्व प्राप्त हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस जोन में और भी मूलभूत सुविधाओं के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. जिसे जल्द ही उच्च स्तर को भेजा जा रहा है.

Last Updated : Aug 10, 2022, 4:00 PM IST
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