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नैनीताल में 50 हजार दर्शकों ने देखा रावण दहन, श्रीराम के जयकारों से गूंजा डीएसए मैदान

नैनीताल के डीएसए खेल मैदान में 55 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया. उससे पहले मंच पर राम रावण युद्ध का मंचन किया गया. राम ने रावण का वध किया, जिसके बाद पूरा शहर श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा.

ravana dahan in nainital
नैनीताल
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Published : Oct 6, 2022, 8:28 AM IST

नैनीताल: देशभर के साथ साथ नैनीताल में भी बीते रोज विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया. डीएसए खेल मैदान में 55 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया. इससे पहले नैनीताल विधायक सरिता आर्या, डीआईजी नीलेश आनंद भरणे और जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने राम सीता की आरती की और कार्यक्रम का संयुक्त रूप से शुभारंभ किया.

जिसके बाद मंच पर राम रावण युद्ध का मंचन किया गया. राम ने रावण का वध किया, जिसके बाद पूरा शहर श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा. वहीं, रावण ने मरते-मरते लक्ष्मण को नीति शास्त्र का ज्ञान दिया. शुभ काम में देरी ना करने और अपने छोटे और बड़ों की बात का पालन करने के साथ-साथ बुरे कामों से दूरी बनाने का पाठ पढ़ाया.

नैनीताल में 50 हजार दर्शकों ने देखा रावण दहन.

बता दें, नैनीताल में तल्लीताल, सूखाताल, शेर का डांडा समेत रामसेवक सभा में चार स्थानों पर रामलीला का आयोजन हुआ. जिसमें से सूखाताल, शेर का डांडा और राम सेवक सभा द्वारा आयोजित रामलीला का डीएसए खेल मैदान में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित हुआ. करीब 50 हजार की संख्या में स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने प्रतिभाग कर असत्य पर सत्य की जीत देखी.
पढ़ें- देहरादून में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, रावण दहन देखने परेड ग्राउंड में उमड़े लोग

इसलिए मनाते हैं दशहरा: पौराणिक कथाओं के अनुसार इस इस दिन भगवान राम ने 10 सिर वाले लंकापति रावण का वध किया था. तभी से दस सिरों वाले रावण के पुतले को हर साल दशहरा के दिन प्रतीक के रूप में दहन किया जाता है. ताकि हम अपने अंदर के क्रोध, लालच, भ्रम, नशा, ईर्ष्या, स्वार्थ, अन्याय, अमानवीयता एवं अहंकार को नष्ट करें. भगवान राम के रावण पर विजय प्राप्त करने के कारण ही इस दिन को विजयादशमी भी कहा जाता है.

नैनीताल: देशभर के साथ साथ नैनीताल में भी बीते रोज विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया. डीएसए खेल मैदान में 55 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया. इससे पहले नैनीताल विधायक सरिता आर्या, डीआईजी नीलेश आनंद भरणे और जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने राम सीता की आरती की और कार्यक्रम का संयुक्त रूप से शुभारंभ किया.

जिसके बाद मंच पर राम रावण युद्ध का मंचन किया गया. राम ने रावण का वध किया, जिसके बाद पूरा शहर श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा. वहीं, रावण ने मरते-मरते लक्ष्मण को नीति शास्त्र का ज्ञान दिया. शुभ काम में देरी ना करने और अपने छोटे और बड़ों की बात का पालन करने के साथ-साथ बुरे कामों से दूरी बनाने का पाठ पढ़ाया.

नैनीताल में 50 हजार दर्शकों ने देखा रावण दहन.

बता दें, नैनीताल में तल्लीताल, सूखाताल, शेर का डांडा समेत रामसेवक सभा में चार स्थानों पर रामलीला का आयोजन हुआ. जिसमें से सूखाताल, शेर का डांडा और राम सेवक सभा द्वारा आयोजित रामलीला का डीएसए खेल मैदान में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित हुआ. करीब 50 हजार की संख्या में स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने प्रतिभाग कर असत्य पर सत्य की जीत देखी.
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इसलिए मनाते हैं दशहरा: पौराणिक कथाओं के अनुसार इस इस दिन भगवान राम ने 10 सिर वाले लंकापति रावण का वध किया था. तभी से दस सिरों वाले रावण के पुतले को हर साल दशहरा के दिन प्रतीक के रूप में दहन किया जाता है. ताकि हम अपने अंदर के क्रोध, लालच, भ्रम, नशा, ईर्ष्या, स्वार्थ, अन्याय, अमानवीयता एवं अहंकार को नष्ट करें. भगवान राम के रावण पर विजय प्राप्त करने के कारण ही इस दिन को विजयादशमी भी कहा जाता है.

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