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रामनगर में रोडवेज बसों का टोटा, यात्री हलकान

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Published : Jun 20, 2019, 10:58 AM IST

रामनगर रोडवेज डिपो में इन दिनों बसों को टोटा चल रहा है, जिससे यात्रियों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ता है. इस दौरान बस डिपो में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं. अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों के लिए अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया गया है.

डिजाइन इमेज

रामनगर: इनदिनों बसों की कमी के चलते यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, चिलचिलाती धूप में रोडवेज बस स्टैंड पर बैठने, पेयजल और शौचालय की सुविधा न होने के चलते यात्री परेशान है. जबकि, रोडवेज प्रशासन बसों की संख्या बढ़ाने और सुविधा मुहैय्या कराने की बात कर रहा है.

रामनगर में रोडवेज बसों का टोटा

बता दें कि रामनगर के रोडवेज बस अड्डे पर दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ ,मुरादाबाद, रुद्रपुर आदि शहरों में जाने वाली बसें न मिलने से यात्री परेशान है. गर्मी की छुट्टियां मनाकर पहाड़ों से अपने घरों को लौट रहे यात्रियों और सैलानियों को बसें नहीं मिल रही है. वहीं, बसों की कमी के चलते सीट घेरने को लेकर यात्रियों में खींचतान मची है. यात्रियों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ रहा है.

पढ़ें- अब डॉक्टरों की विशेष निगरानी में होंगे मंत्री और विधायक, जानिए वजह

इसके अलावा रोडवेज अड्डे पर यात्रियों के बैठने, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था ना होने से कारण यात्री बेहाल है. जबकि, यात्रियों का कहना है कि टिकट कटते ही सुविधा शुल्क परिवहन विभाग की झोली में चला जाता है. लेकिन परिवहन विभाग द्वारा बस अड्डे पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. वहीं, यात्री जब संबंधित अधिकारियों से बसों के बबात पूछते हैं तो उन्हें बस रटा-रटाया जवाब ही मिलता है.

वहीं. रोडवेज अधिकारियों की मानें तो डेली रूटीन की बसों के अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया गया है. उनका कहना है कि यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रामनगर डिपो और काशीपुर डिपो से 7 अतिरिक्त बसें भेजी गई है. लेकिन यह बसें भी यात्रियों के लिए नाकाफी साबित हो रही है.

बहरहाल, कुमाऊं और गढ़वाल का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले रामनगर में दो ही मंडलों से यात्री पहुंचते है. खासतौर पर जून के महीने में यहां यात्री और सैलानियों की संख्या देखने को मिलती है. कमोबेश ऐसे ही हालात त्योहारों पर दिखाई देते है. ऐसे में जानकारी के बावजूद भी परिवहन विभाग यात्रियों के लिए बसें उपलब्ध कराने में असफल ही रहता है. इतना ही नहीं रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए बेसिक सुविधाएं भी मौजूद नहीं है.

रामनगर: इनदिनों बसों की कमी के चलते यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, चिलचिलाती धूप में रोडवेज बस स्टैंड पर बैठने, पेयजल और शौचालय की सुविधा न होने के चलते यात्री परेशान है. जबकि, रोडवेज प्रशासन बसों की संख्या बढ़ाने और सुविधा मुहैय्या कराने की बात कर रहा है.

रामनगर में रोडवेज बसों का टोटा

बता दें कि रामनगर के रोडवेज बस अड्डे पर दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ ,मुरादाबाद, रुद्रपुर आदि शहरों में जाने वाली बसें न मिलने से यात्री परेशान है. गर्मी की छुट्टियां मनाकर पहाड़ों से अपने घरों को लौट रहे यात्रियों और सैलानियों को बसें नहीं मिल रही है. वहीं, बसों की कमी के चलते सीट घेरने को लेकर यात्रियों में खींचतान मची है. यात्रियों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ रहा है.

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इसके अलावा रोडवेज अड्डे पर यात्रियों के बैठने, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था ना होने से कारण यात्री बेहाल है. जबकि, यात्रियों का कहना है कि टिकट कटते ही सुविधा शुल्क परिवहन विभाग की झोली में चला जाता है. लेकिन परिवहन विभाग द्वारा बस अड्डे पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. वहीं, यात्री जब संबंधित अधिकारियों से बसों के बबात पूछते हैं तो उन्हें बस रटा-रटाया जवाब ही मिलता है.

वहीं. रोडवेज अधिकारियों की मानें तो डेली रूटीन की बसों के अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया गया है. उनका कहना है कि यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रामनगर डिपो और काशीपुर डिपो से 7 अतिरिक्त बसें भेजी गई है. लेकिन यह बसें भी यात्रियों के लिए नाकाफी साबित हो रही है.

बहरहाल, कुमाऊं और गढ़वाल का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले रामनगर में दो ही मंडलों से यात्री पहुंचते है. खासतौर पर जून के महीने में यहां यात्री और सैलानियों की संख्या देखने को मिलती है. कमोबेश ऐसे ही हालात त्योहारों पर दिखाई देते है. ऐसे में जानकारी के बावजूद भी परिवहन विभाग यात्रियों के लिए बसें उपलब्ध कराने में असफल ही रहता है. इतना ही नहीं रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए बेसिक सुविधाएं भी मौजूद नहीं है.

Intro:एंकर- रामनगर के रोडवेज बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ लगी है। रोडवेज डिपो में बसों की कमी के चलते सीट घेरने के चक्कर में यात्रियों में खींचतान मची है तपती धूप में रोडवेज अड्डे पर बैठने तथा पेयजल एवं शौचालय की सुविधा ना होने से यात्री परेशान हैं और रोडवेज प्रशासन बसों की संख्या बढ़ाने की बात कर रहा है।


Body:वीओ-1- रामनगर के रोडवेज बस अड्डे पर यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ है।गर्मी की छुट्टियां मना कर पहाड़ों से अपने घरों को लौट रहे यात्रियों और सैलानियों को बसे ना मिलने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।बसों की कमी के चलते सीट घेरने को लेकर यात्रियों में अफरा-तफरी मची हुई है। घंटो घंटो तक यात्रियों को बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। दिल्ली गाजियाबाद,हापुड़, मेरठ ,मुरादाबाद,रुद्रपुर आदि शहरों में जाने वाले यात्री बसें न मिलने से परेशान हैं।बसों के इंतजार के साथ -साथ रोडवेज अड्डे पर यात्रियों के बैठने,शौचालय और पेयजल की व्यवस्था ना होने से तपती इस तपती और उमस भरी गर्मी से यात्री बेहाल हैं। जबकि यात्रियों का कहना है कि टिकट कटते ही सुविधा शुल्क परिवहन विभाग की झोली में चला जाता है।परंतु परिवहन विभाग द्वारा बस अड्डे पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती है। रोडवेज के अधिकारियों से बसों के विषय में पता करने यात्री जब जाते हैं तो उनको जवाब मिलता है कि बसों की व्यवस्था की जा रही है।

बाइट-1-बीना देवी(यात्री)
बाइट-2-जीवन कुमार(यात्री)

वीओ-2- वही इस विषय में रोडवेज के अधिकारियों की मानें तो विभिन्न जगहों पर जाने वाली डेली रूटीन की बसों के अलावा यात्रियों की सुविधाओं के लिए एक्स्ट्रा बसों का प्रबंध किया गया है। यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रामनगर डिपो और काशीपुर डिपो से 7 अतिरिक्त बसें भेजी गई है।परंतु यात्रियों की भीड़ को देखते हुए लगता है कि 7 अतिरिक्त बसें यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए नाकाफी है।

बाइट-3-मोहनराम आर्य (सहायक प्रबंधक ,रामनगर डिपो)



Conclusion:एफवीओ- रामनगर कुमाऊ,गढ़वाल का प्रवेश द्वार कहा जाता है। दोनों ही मंडलों से यात्री अपने अपने ठिकानों पर आने जाने के लिए यहां पहुंचते हैं ।खासतौर से जून की छुट्टियां मनाकर लौट रहे यात्री और सैलानियों की संख्या भारी मात्रा में देखने को मिलती है। यही हाल कमोबेश रक्षाबंधन,होली और दीपावली जैसे त्योहारों के बाद दिखाई देता है।उस समय भी इस तरह की बसों की कमी के चलते सीट को घेरने के लिए मारामारी रहती है।यह सब पता होने के बाद भी रामनगर परिवहन विभाग बसों की व्यवस्था करने में असफल रहता है और जो व्यवस्था बसों की, की जाती है तो उससे पूरा नहीं होता है।और बस अड्डे पर मिलने वाली यात्रियों को बेसिक सुविधाओं का आलम ऐसा है जैसे चिराग तले अंधेरा होता है।
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