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फर्जी श्रमिक बनकर पात्र लोगों के हकों पर डाका डालने की थी तैयारी, श्रम विभाग ने रजिस्ट्रेशन किया रद्द

हल्द्वानी श्रम विभाग ने कई श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन रद्द (Labor Department canceled registration) कर दिए हैं, जो पात्रता नहीं रखते थे. श्रम विभाग की जांच में कई मजदूरों के आवेदन भी आधे-अधूरे मिले, जिसके बाद उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया. योजना का लाभ सही लोगों को मिले इसके लिए विभाग ने कमर कस ली है.

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Published : Jan 8, 2023, 10:59 AM IST

Updated : Jan 8, 2023, 12:12 PM IST

श्रम विभाग ने रजिस्ट्रेशन किया रद्द

हल्द्वानी: प्रदेश में दूसरे के हकों पर डाका डालने की तैयारी थी, लेकिन श्रम विभाग की मुस्तैदी से कई लोगों का ये मंसूबा पूरा नहीं हो पाया. श्रम विभाग (Haldwani Labor Department) ने समय रहते ऐसे लोगों को अपात्र घोषित कर दिया है और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द (Labor Department canceled registration) कर दिया. श्रम विभाग की जांच में बहुत से ऐसे आवेदन पाए गए, जो श्रमिक नहीं थे. जिसके बाद ये कार्रवाई की गई.

उत्तराखंड श्रम विभाग (Uttarakhand Labor Department) अंतर्गत बिल्डिंग एंड अंडर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (बीओसीडब्ल्यू) योजना अंतर्गत निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों के रजिस्ट्रेशन में ऐसे बहुत से अपात्र सामने आए हैं, जिन्होंने पात्र मजदूरों का हक हड़पने के लिए आवेदन किए थे. ऐसे में श्रम विभाग के जांच में 1,34318 मजदूर अपात्र पाए गए हैं. जिनका श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. उत्तराखंड श्रम विभाग के अंतर्गत (बीओसीडब्ल्यू) योजना के अंतर्गत दिसंबर माह तक कुल 4,51,907 लोगों ने श्रमिक कार्ड के लिए आवेदन किया था. विभागीय जांच में केवल 3,17,589 आवेदक ही मजदूर मिले, जबकि 1,34,318 आवेदन निरस्त कर दिए गए.
पढ़ें-देर रात डीएम खुराना ने जोशीमठ राहत शिविर का लिया जायजा, प्रभावितों की सुनी परेशानियां

उप श्रम आयुक्त श्रम निदेशालय विपिन कुमार ने बताया कि निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के लिए बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड (BOCW) गठित हैं, जो श्रमिकों के कल्याण के लिए कार्य करता है. बोर्ड द्वारा श्रमिकों को कार्ड जारी किया जाता है जिसका इस्तेमाल करके वे सरकार द्वारा चलाई जा रही श्रम कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. योजना के तहत श्रमिक सीएससी सेंटर में आवेदन कर सकता है. लेकिन अभी तक विभाग के पास मिले आवेदन में बड़ी संख्या में आवेदन ऐसे सामने आए हैं जो श्रमिक नहीं है जिनके द्वारा आवेदन किए गए थे उनके द्वारा श्रमिक नहीं होने का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था या श्रमिकों द्वारा किए गए आवेदन अधूरे पाए गए, जांच के बाद उनको निरस्त करने का काम किया गया है.
पढ़ें-जोशीमठ अब रहने लायक नहीं, इस पहलू पर भी हुई चूकः गणेश जोशी

उन्होंने बताया कि नियमानुसार साल भर में कम से कम 90 दिन निर्माण कार्य में काम किया जाना आवश्यक होता है और कार्यदायी ठेकेदार या संस्था द्वारा अपने श्रमिक को लिखित प्रमाण पत्र देना होता है. जिससे कि पता चल सके कि एक श्रमिक निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है. लेकिन बहुत से ऐसे आवेदन पाए गए हैं जो निर्माण श्रमिक नहीं थे, जिनका आवेदन रद्द किया गया है.योजना के अंतर्गत निर्माण श श्रमिकों को एक श्रमिक कार्ड जारी किया जाता है, जिसका इस्तेमाल करके वे सरकार द्वारा चलाई जा रही श्रम कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. योजना के तहत मातृत्व लाभ, चिकित्सा सहायता, एक्सीडेंटल कवर, पेंशन बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता, मृतक आश्रितों को सहायता सहित कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. राजमिस्त्री,ईंट पकाने वाले मजदूर प्लंबर,वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन,सीवरेज, मार्बल,टाइल्स मिस्त्री, मकान का पेंट पीओपी लगाने वाले श्रमिक सहित भवन निर्माण से जुड़े सभी प्रकार के श्रमिक इस योजना के लाभ उठा सकते हैं.

श्रम विभाग ने रजिस्ट्रेशन किया रद्द

हल्द्वानी: प्रदेश में दूसरे के हकों पर डाका डालने की तैयारी थी, लेकिन श्रम विभाग की मुस्तैदी से कई लोगों का ये मंसूबा पूरा नहीं हो पाया. श्रम विभाग (Haldwani Labor Department) ने समय रहते ऐसे लोगों को अपात्र घोषित कर दिया है और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द (Labor Department canceled registration) कर दिया. श्रम विभाग की जांच में बहुत से ऐसे आवेदन पाए गए, जो श्रमिक नहीं थे. जिसके बाद ये कार्रवाई की गई.

उत्तराखंड श्रम विभाग (Uttarakhand Labor Department) अंतर्गत बिल्डिंग एंड अंडर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (बीओसीडब्ल्यू) योजना अंतर्गत निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों के रजिस्ट्रेशन में ऐसे बहुत से अपात्र सामने आए हैं, जिन्होंने पात्र मजदूरों का हक हड़पने के लिए आवेदन किए थे. ऐसे में श्रम विभाग के जांच में 1,34318 मजदूर अपात्र पाए गए हैं. जिनका श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. उत्तराखंड श्रम विभाग के अंतर्गत (बीओसीडब्ल्यू) योजना के अंतर्गत दिसंबर माह तक कुल 4,51,907 लोगों ने श्रमिक कार्ड के लिए आवेदन किया था. विभागीय जांच में केवल 3,17,589 आवेदक ही मजदूर मिले, जबकि 1,34,318 आवेदन निरस्त कर दिए गए.
पढ़ें-देर रात डीएम खुराना ने जोशीमठ राहत शिविर का लिया जायजा, प्रभावितों की सुनी परेशानियां

उप श्रम आयुक्त श्रम निदेशालय विपिन कुमार ने बताया कि निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के लिए बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड (BOCW) गठित हैं, जो श्रमिकों के कल्याण के लिए कार्य करता है. बोर्ड द्वारा श्रमिकों को कार्ड जारी किया जाता है जिसका इस्तेमाल करके वे सरकार द्वारा चलाई जा रही श्रम कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. योजना के तहत श्रमिक सीएससी सेंटर में आवेदन कर सकता है. लेकिन अभी तक विभाग के पास मिले आवेदन में बड़ी संख्या में आवेदन ऐसे सामने आए हैं जो श्रमिक नहीं है जिनके द्वारा आवेदन किए गए थे उनके द्वारा श्रमिक नहीं होने का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था या श्रमिकों द्वारा किए गए आवेदन अधूरे पाए गए, जांच के बाद उनको निरस्त करने का काम किया गया है.
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उन्होंने बताया कि नियमानुसार साल भर में कम से कम 90 दिन निर्माण कार्य में काम किया जाना आवश्यक होता है और कार्यदायी ठेकेदार या संस्था द्वारा अपने श्रमिक को लिखित प्रमाण पत्र देना होता है. जिससे कि पता चल सके कि एक श्रमिक निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है. लेकिन बहुत से ऐसे आवेदन पाए गए हैं जो निर्माण श्रमिक नहीं थे, जिनका आवेदन रद्द किया गया है.योजना के अंतर्गत निर्माण श श्रमिकों को एक श्रमिक कार्ड जारी किया जाता है, जिसका इस्तेमाल करके वे सरकार द्वारा चलाई जा रही श्रम कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. योजना के तहत मातृत्व लाभ, चिकित्सा सहायता, एक्सीडेंटल कवर, पेंशन बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता, मृतक आश्रितों को सहायता सहित कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. राजमिस्त्री,ईंट पकाने वाले मजदूर प्लंबर,वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन,सीवरेज, मार्बल,टाइल्स मिस्त्री, मकान का पेंट पीओपी लगाने वाले श्रमिक सहित भवन निर्माण से जुड़े सभी प्रकार के श्रमिक इस योजना के लाभ उठा सकते हैं.

Last Updated : Jan 8, 2023, 12:12 PM IST
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