हल्द्वानी: कहते हैं कि जब फागुन चढ़ता है तो सारे मतभेद खत्म हो जाते हैं. सिर्फ प्रेम का रंग ही शेष रह जाता है. हम बात कर रहे है होली की. हल्द्वानी में इन दिनों कुमाऊंनी होली का उत्साह पूरे शबाब पर है. जगह-जगह बैठकी होली की महफिल सज रही है. ढोलक और मंजीरे की थाप पर होल्यार होली के रंग में रंगे दिखाई दे रहे हैं. वहीं गली, मोहल्लों में सुनाई दे रहे होली गीतों की गूंज माहौल में उल्लास के रंग घोल रही है.
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कुमाऊंनी होली की शुरूआत बसंत पंचमी से शुरू हो जाती है. महिलाओं में कुमाऊंनी होली का विशेष महत्व होता है, जो समाज को एकजुटता के संदेश देते हुए प्रेम भाव में बांधने का काम करती हैं. रंगो के इस पर्व में सारे गिले-शिकवा छोड़कर महिलाएं, पुरुष और बच्चे प्रेम भाव के एक रंग में रंग जाते है.
शहर में ढोल-झांझन के स्वरों के बीच महिला होलियार घर-घर जाकर होली गायन कर रही हैं. शहर में होली के अवसर विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन किए जा रहे हैं.
महिला होलियार खुशी जोशी ने बताया कि उन्हें साल भर कुमाऊंनी होली की इंतजार रहता है. कुमाऊंनी होली की शुरूआत बसंत पंचमी से परवान चढ़ती है. जिसमें स्वांग रचा जाता है और महिलाएं होली गाकर उसका आनंद लेती है.
इसी के साथ कुमाऊं में खड़ी और बैठकी होली अपने पूरे शबाब पर है. इस दौरान हल्द्वानी में पहाड़ी संस्कृति के साथ कुमाऊंनी की झलक देखने को मिल रही है, जो लोगों को सालभर याद रहती है.