हल्द्वानीः कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी और नंधौर नदी से खनन में हो सकती है देरी. वहीं, हर साल 1 अक्टूबर को नदी से खनन चुगान का काम शुरू हो जाता था. लेकिन इस साल नदी में पानी अधिक होने के चलते चुगान में देरी हो रही है. ऐसे में खनन व्यवसायी और मजदूरों में मायूसी देखी जा रही है. 25 अक्टूबर को खनन समिति और जिला प्रशासन निरीक्षण करेगा. उसके बाद ही खनन का काम किया जायेगा.
बता दें कि तराई पूर्वी प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि जिला खनन समिति की बैठक की जा चुकी है. नदी से होने वाले खनन के लिए सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं. वहीं, नदी से होने वाले खनन के लिए सीमांकन का काम किया जा रहा है. वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा नदी का निरीक्षण भी किया गया. पानी अधिक होने की वजह से खनन नहीं हो सकता है. जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है. 25 अक्टूबर को खनन समिति और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से नदी का निरीक्षण करेगा. उसके बाद ही खनन का काम किया जायेगा.
पढ़े- हल्द्वानी: ब्रिटिशकाल में 40 फुट ऊपर बनाई गई थी नहर, रखरखाव के अभाव में अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा
दरअसल, मॉनसून सीजन के चलते गौला नदी और नंधौर नदी से खनन निकासी का काम बंद हो जाता है. वहीं, मॉनसून सीजन के बाद जिला खनन समिति और मृदा जल विभाग की टीम नदी में आए उप खनिजों का आकलन और सीमांकन करती है. और कितना घन मीटर उप खनिज नदी से निकासी की जाए लक्ष्य निर्धारित करता है. वित्तीय वर्ष गौला नदी से 54 लाख घन मीटर उप खनिज का निकासी हुआ था. जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हुआ था. निकासी गेटों और तोल कांटे की मरम्मत के काम के साथ-साथ वहां नेटवर्क, लाइट और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जा रही है. शासन से अनुमति मिलते ही खनन निकासी का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.