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गौला और नंधौर नदी में देर से खुलेगा चुगान, व्यवसायियों में मायूसी - 25 अक्टूबर के बाद होगा खनन का काम

गौला नदी और नंधौर नदी में मानसून की वजह से खनन में हो रही है देरी. जिसको लेकर वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा नदी का निरीक्षण किया गया. संभवत: 25 अक्टूबर के बाद ही खनन खुलेगा.

गौला नदी और नंधौर नदी के चुगान में होगी देरी
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Published : Oct 17, 2019, 1:38 PM IST

हल्द्वानीः कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी और नंधौर नदी से खनन में हो सकती है देरी. वहीं, हर साल 1 अक्टूबर को नदी से खनन चुगान का काम शुरू हो जाता था. लेकिन इस साल नदी में पानी अधिक होने के चलते चुगान में देरी हो रही है. ऐसे में खनन व्यवसायी और मजदूरों में मायूसी देखी जा रही है. 25 अक्टूबर को खनन समिति और जिला प्रशासन निरीक्षण करेगा. उसके बाद ही खनन का काम किया जायेगा.

बता दें कि तराई पूर्वी प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि जिला खनन समिति की बैठक की जा चुकी है. नदी से होने वाले खनन के लिए सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं. वहीं, नदी से होने वाले खनन के लिए सीमांकन का काम किया जा रहा है. वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा नदी का निरीक्षण भी किया गया. पानी अधिक होने की वजह से खनन नहीं हो सकता है. जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है. 25 अक्टूबर को खनन समिति और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से नदी का निरीक्षण करेगा. उसके बाद ही खनन का काम किया जायेगा.

गौला नदी और नंधौर नदी के चुगान में होगी देरी

पढ़े- हल्द्वानी: ब्रिटिशकाल में 40 फुट ऊपर बनाई गई थी नहर, रखरखाव के अभाव में अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

दरअसल, मॉनसून सीजन के चलते गौला नदी और नंधौर नदी से खनन निकासी का काम बंद हो जाता है. वहीं, मॉनसून सीजन के बाद जिला खनन समिति और मृदा जल विभाग की टीम नदी में आए उप खनिजों का आकलन और सीमांकन करती है. और कितना घन मीटर उप खनिज नदी से निकासी की जाए लक्ष्य निर्धारित करता है. वित्तीय वर्ष गौला नदी से 54 लाख घन मीटर उप खनिज का निकासी हुआ था. जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हुआ था. निकासी गेटों और तोल कांटे की मरम्मत के काम के साथ-साथ वहां नेटवर्क, लाइट और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जा रही है. शासन से अनुमति मिलते ही खनन निकासी का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

हल्द्वानीः कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी और नंधौर नदी से खनन में हो सकती है देरी. वहीं, हर साल 1 अक्टूबर को नदी से खनन चुगान का काम शुरू हो जाता था. लेकिन इस साल नदी में पानी अधिक होने के चलते चुगान में देरी हो रही है. ऐसे में खनन व्यवसायी और मजदूरों में मायूसी देखी जा रही है. 25 अक्टूबर को खनन समिति और जिला प्रशासन निरीक्षण करेगा. उसके बाद ही खनन का काम किया जायेगा.

बता दें कि तराई पूर्वी प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि जिला खनन समिति की बैठक की जा चुकी है. नदी से होने वाले खनन के लिए सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं. वहीं, नदी से होने वाले खनन के लिए सीमांकन का काम किया जा रहा है. वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा नदी का निरीक्षण भी किया गया. पानी अधिक होने की वजह से खनन नहीं हो सकता है. जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है. 25 अक्टूबर को खनन समिति और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से नदी का निरीक्षण करेगा. उसके बाद ही खनन का काम किया जायेगा.

गौला नदी और नंधौर नदी के चुगान में होगी देरी

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दरअसल, मॉनसून सीजन के चलते गौला नदी और नंधौर नदी से खनन निकासी का काम बंद हो जाता है. वहीं, मॉनसून सीजन के बाद जिला खनन समिति और मृदा जल विभाग की टीम नदी में आए उप खनिजों का आकलन और सीमांकन करती है. और कितना घन मीटर उप खनिज नदी से निकासी की जाए लक्ष्य निर्धारित करता है. वित्तीय वर्ष गौला नदी से 54 लाख घन मीटर उप खनिज का निकासी हुआ था. जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हुआ था. निकासी गेटों और तोल कांटे की मरम्मत के काम के साथ-साथ वहां नेटवर्क, लाइट और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जा रही है. शासन से अनुमति मिलते ही खनन निकासी का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:sammry- गौल नदी और नंधौर नदी से खनन चुगान में हो सकती है देरी नदी में ज्यादा पानी होना खनन में आ रहा है अड़चन।

एंकर- कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी और नंधौर नदी से खनन चुगान में अभी देरी हो सकती है। हर साल 1 अक्टूबर को नदी से खनन चुगान का काम शुरू होता था लेकिन नदी में पानी अधिक होने के चलते चुगान में देरी हो रही है। ऐसे में खनन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों और मजदूरों में मायूसी देखी जा रही है।


Body:तराई पूर्वी प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि जिला खनन समिति की बैठक की जा चुकी है। नदी से होने वाले खनन के लिए सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं । नदी से होने वाले खनन के लिए सीमांकन के काम किया जा रहा है ।वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा नदी का निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया है कि नदी में पानी की मात्रा अधिक है ऐसे में खनन नहीं हो सकता है जिसकी शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। 25 अक्टूबर को खनन समिति और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से नदी का निरीक्षण करेगा जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि खनन का काम किस तिथि से किया जाए।

दरअसल मानसून सीजन के चलते हैं गौला नदी और नंधौर नदी से खनन निकासी का काम बंद हो जाता है और मानसून सीजन के बाद नदी में पहाड़ों से आए उप खनिज के अनुसार जिला खनन समिति और मृदा जल विभाग की टीम नदी में आए उप खनिजों का आकलन और सीमांकन कर कितना घन मीटर उप खनिज नदी से निकासी की जाए लक्ष्य निर्धारित करता है । वित्तीय वर्ष गौला नदी से 54 लाख घन मीटर उप खनिज का निकासी हुआ था जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हुआ था।


Conclusion:नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि वन विभाग वन विकास निगम खनन कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर रहा है। निकासी गेटों तोल कांटे की मरम्मत के काम के साथ-साथ वहां नेटवर्क ,लाइट और सीसीटीवी कैमरे, व्यवस्था की जा रही है। शासन से अनुमति मिलते हैं खनन निकासी का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
बाइट - नीतीश मणि त्रिपाठी डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी।
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