हल्द्वानी: बीते दिनों गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में कई लोगों की जान चली गई. जिसके बाद उत्तराखंड में भी ऐसे जर्जर पुलों का चिन्हीकरण (signage of broken bridges) किया जा रहा. इसी कड़ी में डीजीपी ने उत्तराखंड में जर्जर पुलों की जानकारी मांगी है. इसके बाद थाना प्रभारी और पुलिस चौकी प्रभारियों को अलर्ट किया गया है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक कुमाऊं में सभी झूला पुल व अन्य पुलों की हालत की जानकारी सभी जिला अधिकारियों से साझा करने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके अलावा सभी पुलों की क्षमता, भार क्षमता का आकलन करने को भी कहा गया है. इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जो पुराने समय से बंद पड़े पुल हैं, उन पर किसी तरह की आवाजाही तो नहीं हो रही है. जर्जर और पुराने पुल के ऊपर किसी तरह की आवाजाही हो रही है. उसको तुरंत बंद करने को कहा गया है.
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कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक इस बात का भी आकलन होगा कि कितने पुलों की समय सीमा खत्म हो गई है. कितने पुलों पर तय भार सीमा से अधिक भार ले जाया जा रहा है. सभी जिलाधिकारियों को अपने स्तर पर जर्जर पुलों को देखते हुए उचित कदम उठाने के दिशा निर्देश जारी किए गये हैं. पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने कहा समय-समय पर विभाग के तरफ से निरीक्षण भी किया जा रहा है. टीम बना कर इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है.
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चिल्ला घाट के पास बने पुल का संज्ञान ले प्रशासन: हल्द्वानी से नैनीताल रोड पर चित्र चिल्ला घाट के पास झूला पुल स्थित है. क्षेत्रीय जनता के मुताबिक कुमाऊं की बात की जाए तो कई झूला पुल बने हुए हैं. ये कई सालों से चले आ रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता योगेश रजवार ने कहा समय रहते ही प्रशासन और उच्च अधिकारियों को इन पुलों का संज्ञान लेना चाहिए.