हल्द्वानी: उत्तराखंड में मौमस का मिजाज बदलना शुरू हो गया है. पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर भी शुरू हो गया. ऐसे में सर्दियों की चुनौतियों को देखते हुए प्रशासन ने अभी से तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं. इस संबंध में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए.
सर्दियों में अक्सर बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं, जिस कारण पहाड़ों के खासकर दुर्गम क्षेत्रों में रोजाना की आवश्यकता की वस्तुओं की सप्लाई नहीं हो पाती है. वहीं बर्फबारी के कारण कई बार पहाड़ी जिलों में बिजली और पानी की सप्लाई भी बाधित होती है, जिसको लेकर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अधिकारियों को हाईवे और ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले लिंक मार्गों पर जेसीबी तैनात करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बर्फबारी के दौरान रास्त बंद न हो और यातायात सुचारू रहे. सर्दियों में बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों से पर्यटक बर्फबारी की लुफ्त उठाने आते हैं. उन्हें भी किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाए.
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इसके अलावा कमिश्नर ने सभी जिला अधिकारियों को अवगत कराया है कि बिजली के खंभों के आसपास जितने भी पेड़ हैं, उनकी लॉपिंग करा दी जाए, जिससे बर्फबारी के अतिरिक्त भार से टहनियां टूट कर विद्युत आपूर्ति को प्रभावित न कर सकें. क्योंकि भारी बर्फबारी के दौरान अक्सर देखा जाता है कि बर्फ के भार से कई बार पेड़ या उनकी टहनियां बिजली के तारों पर गिर जाती हैं और बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है.
इसके अलावा SDRF के फंड से कुछ आधुनिक उपकरण खरीदने के निर्देश भी कुमाऊं कमिश्नर ने दिए हैं, जिससे बर्फबारी के दौरान बर्फ को हटाया जा सके और सभी प्रकार की सुविधा जल्द से जल्द सुचारू की जा सके. इसके अलावा पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की आशंका को देखते हुए मेडिकल फैसिलिटी बढ़ाने को कहा गया है.