हल्द्वानी: उत्तराखंड में जमीन धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. यही कारण है कि अब पुलिस-प्रशासन इस मामलों को गंभीरता दिखा रहा है, ताकि भूमाफिया पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके और पीड़ितों को इंसाफ मिल सके. इसी को लेकर कुमाऊं में लैंड फ्रॉड कमेटी का गठन किया गया, जिसकी बैठक हल्द्वानी सर्किट हाउस में हुई.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जमीन की धोखाधड़ी से जुड़ी कई मामलों की समीक्षा की. इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने पुलिस को 14 मामलों में भू-माफिया पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए. सर्किट हाउस में कुमाऊं कमिश्नर आईजी कुमाऊं सहित मंडल के सभी अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े, जिसमें कुमाऊं मंडल के 6 जिलों में 37 लैंड फ्रॉड के मामलों की समीक्षा की गई. जिनमें जमीनी फर्जीवाड़ा और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा एक जमीन को कई बार बेचने जैसे मामले थे.
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यही नहीं भू माफियाओं ने कई सरकारी जमीनों को भी बेच दिया है. लिहाजा समीक्षा करते हुए नैनीताल जिले के 6 मामले और उधमसिंह नगर के 5 मामले, पिथौरागढ़ के एक मामले में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कुमाऊं कमिश्नर ने जमीन खरीदने वाले लोगों को जमीन खरीदने से पहले पूरी तरह से खोजबीन करने के सुझाव दिए हैं. इस मौके पर आईजी नीलेश आनंद भरणे, डीएम धीराज सिंह गर्ब्यांग सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. पुलिस-प्रशासन की पुरी कोशिश है कि जमीन धोखाधड़ी के मामले में कमी लाए और लोगों को भूमाफियाओं के चुंगल से बचाया जाए.