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Hindu New Year: हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2079 की शुरुआत, जानिए अपने ग्रहों की स्थिति

आज से हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2079 की शुरुआत हो गई है. ब्रह्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन की थी. इसलिए पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नववर्ष शुरू हो जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी से जानते हैं आपके ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी.

Hindu New Year Vikram Samvat 2079
हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2079
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Published : Apr 2, 2022, 4:04 AM IST

हल्द्वानी: हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2079 की शुरुआत आज से हो गई है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया है कि आने वाला नव संवत्सर मिलाजुला रहने वाला है. वर्ष का पूर्वार्ध ठीक रहने वाला है लेकिन उत्तरार्ध का योग उत्तम नहीं रहेगा. नव संवत्सर देश के आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा. देश राजनीतिक क्षेत्र से मजबूत होगा लेकिन अधिक वर्षा, अधिक गर्मी, आपदा, जल-प्रलय, पश्चिमी देशों में युद्ध की स्थिति बनेगी. इसके अलावा नव संवत्सर कई राशियों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहेगा तो कई राशियों के लिए उत्तम रहेगा.

ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक नव संवत्सर 2079 में मीन लग्न में तीन ग्रहों का योग बन रहा है. बारहवें भाव में शनि और मंगल अपनी स्वराशि एवं उच्च राशि में स्थित है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का योग बन रहा है. विभिन्न राष्ट्रों के साथ अनुबंध होंगे. भारत का आर्थिक मूल्यांकन बहुत तेजी से बढ़ेगा लेकिन शनि की दृष्टि अष्टम भाव को देख रही है, जो प्राकृतिक आपदा, चक्रवात, तूफान, प्रलय, अधिक गर्मी, भूकंप के योग भी बना रहे हैं.
पढ़ें- शिवजी का चमत्कारी शिवलिंग, जो चंद्रमा की सोलह कलाओं के साथ बदलता है स्वरूप

राशियों के अनुसार क्या रहेंगे ग्रहों की स्थिति

मेष राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
मष राशि के लिए वर्ष का पूर्वार्ध कष्टकारक हो सकता है. रोग वृद्धि हो सकती है. कई कार्यों में अड़चने आ सकती हैं. कुल मिलाकर मेष राशि के लिए मुलाजुला असर रहेगा.

वृषभ राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
वृष राशि वालों के लिए पूर्वार्ध में कठिनाइयां भरा रहेगा लेकिन आगे चलकर अच्छा फल रहने वाला है. संतान सुख की प्राप्ति होगी. मांगलिक कार्य होंगे पूरा वर्ष मिलाजुला रहने वाला है.

मिथुन राशि (का, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मिथुन राशि वालों के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा. रुका हुआ काम बनेगा.

कर्क राशि (ही, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कर्क राशि में शनिदेव अपनी राशि का परिवर्तन करेंगे. जो ढैया से प्रभावित रहेगा. ऐसे में उत्तरार्ध का समय सामान्य रहेगा. शारीरिक दृष्टि से रोग कारक हो सकता है. अर्थ व्यय अधिक हो सकता है.

सिंह राशि (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
सिंह राशि वालों के लिए व्यर्थ का वाद-विवाद हो सकता है. शारीरिक दृष्टि से कमजोर आएगा रोग. परिवारिक कष्ट भरा हो सकता है.

कन्या राशि (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
कन्या राशि वालों के लिए नव संवत्सर उत्तम रहने वाला है. व्यापार की दृष्टि से उत्तम रहेगा. मान सम्मान की दृष्टि से पूर्वार्ध का समय हल्का रहेगा.

तुला राशि (रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
तुला राशि वालों के लिए पूर्वार्ध का समय कष्टकारी हो सकता है. शत्रु वृद्धि में कारक हो सकता है. व्यर्थ का भ्रमण हो सकता है. ऐसे में इस राशि वालों के लिए यह नव संवत्सर मध्यम रहने वाला है.

वृश्चिक राशि (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
वृश्चिक राशि वालों के लिए मिला जुला रहने वाला है. परिवारिक वाद विवाद हो सकता है. परिवारिक परेशानियां आ सकती हैं. पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए व्यवधान उत्पन्न हो सकता हैय

धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढ, भे)
धनु राशि के मालिक बृहस्पति कुंभ में जाएंगे. ऐसे में धनु राशि वालों के लिए इस वर्ष का पूर्वार्ध का समय थोड़ा विवाद भरा रहेगा, लेकिन आर्थिक दृष्टि से मजबूती मिलेगी.

मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
मकर राशि वालों के लिए पूर्वार्ध का समय कष्टकारी रहेगा. आर्थिक क्षेत्र में मजबूती मिलेगी नई योजना बन सकती है. वैज्ञानिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सफलता मिलेगी.

कुंभ राशि (गु, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कुंभ राशि वालों के लिए पूर्वार्ध का समय विवाद भरा रहेगा. न्यायालय संबंधी अड़चनें आ सकती हैं. 6 महीना कष्ट कारक रहेगा लेकिन साल के अंतिम 6 महीने उत्तम रहने वाला है.

मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
मीन राशि वालों के लिए नव संवत्सर सामान्य रहेगा. श्रावण मास के बाद अच्छा योग बन रहा है. आर्थिक दृष्टि से मजबूती मिलेगी.

हल्द्वानी: हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2079 की शुरुआत आज से हो गई है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया है कि आने वाला नव संवत्सर मिलाजुला रहने वाला है. वर्ष का पूर्वार्ध ठीक रहने वाला है लेकिन उत्तरार्ध का योग उत्तम नहीं रहेगा. नव संवत्सर देश के आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा. देश राजनीतिक क्षेत्र से मजबूत होगा लेकिन अधिक वर्षा, अधिक गर्मी, आपदा, जल-प्रलय, पश्चिमी देशों में युद्ध की स्थिति बनेगी. इसके अलावा नव संवत्सर कई राशियों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहेगा तो कई राशियों के लिए उत्तम रहेगा.

ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक नव संवत्सर 2079 में मीन लग्न में तीन ग्रहों का योग बन रहा है. बारहवें भाव में शनि और मंगल अपनी स्वराशि एवं उच्च राशि में स्थित है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का योग बन रहा है. विभिन्न राष्ट्रों के साथ अनुबंध होंगे. भारत का आर्थिक मूल्यांकन बहुत तेजी से बढ़ेगा लेकिन शनि की दृष्टि अष्टम भाव को देख रही है, जो प्राकृतिक आपदा, चक्रवात, तूफान, प्रलय, अधिक गर्मी, भूकंप के योग भी बना रहे हैं.
पढ़ें- शिवजी का चमत्कारी शिवलिंग, जो चंद्रमा की सोलह कलाओं के साथ बदलता है स्वरूप

राशियों के अनुसार क्या रहेंगे ग्रहों की स्थिति

मेष राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
मष राशि के लिए वर्ष का पूर्वार्ध कष्टकारक हो सकता है. रोग वृद्धि हो सकती है. कई कार्यों में अड़चने आ सकती हैं. कुल मिलाकर मेष राशि के लिए मुलाजुला असर रहेगा.

वृषभ राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
वृष राशि वालों के लिए पूर्वार्ध में कठिनाइयां भरा रहेगा लेकिन आगे चलकर अच्छा फल रहने वाला है. संतान सुख की प्राप्ति होगी. मांगलिक कार्य होंगे पूरा वर्ष मिलाजुला रहने वाला है.

मिथुन राशि (का, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मिथुन राशि वालों के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा. रुका हुआ काम बनेगा.

कर्क राशि (ही, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कर्क राशि में शनिदेव अपनी राशि का परिवर्तन करेंगे. जो ढैया से प्रभावित रहेगा. ऐसे में उत्तरार्ध का समय सामान्य रहेगा. शारीरिक दृष्टि से रोग कारक हो सकता है. अर्थ व्यय अधिक हो सकता है.

सिंह राशि (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
सिंह राशि वालों के लिए व्यर्थ का वाद-विवाद हो सकता है. शारीरिक दृष्टि से कमजोर आएगा रोग. परिवारिक कष्ट भरा हो सकता है.

कन्या राशि (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
कन्या राशि वालों के लिए नव संवत्सर उत्तम रहने वाला है. व्यापार की दृष्टि से उत्तम रहेगा. मान सम्मान की दृष्टि से पूर्वार्ध का समय हल्का रहेगा.

तुला राशि (रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
तुला राशि वालों के लिए पूर्वार्ध का समय कष्टकारी हो सकता है. शत्रु वृद्धि में कारक हो सकता है. व्यर्थ का भ्रमण हो सकता है. ऐसे में इस राशि वालों के लिए यह नव संवत्सर मध्यम रहने वाला है.

वृश्चिक राशि (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
वृश्चिक राशि वालों के लिए मिला जुला रहने वाला है. परिवारिक वाद विवाद हो सकता है. परिवारिक परेशानियां आ सकती हैं. पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए व्यवधान उत्पन्न हो सकता हैय

धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढ, भे)
धनु राशि के मालिक बृहस्पति कुंभ में जाएंगे. ऐसे में धनु राशि वालों के लिए इस वर्ष का पूर्वार्ध का समय थोड़ा विवाद भरा रहेगा, लेकिन आर्थिक दृष्टि से मजबूती मिलेगी.

मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
मकर राशि वालों के लिए पूर्वार्ध का समय कष्टकारी रहेगा. आर्थिक क्षेत्र में मजबूती मिलेगी नई योजना बन सकती है. वैज्ञानिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सफलता मिलेगी.

कुंभ राशि (गु, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कुंभ राशि वालों के लिए पूर्वार्ध का समय विवाद भरा रहेगा. न्यायालय संबंधी अड़चनें आ सकती हैं. 6 महीना कष्ट कारक रहेगा लेकिन साल के अंतिम 6 महीने उत्तम रहने वाला है.

मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
मीन राशि वालों के लिए नव संवत्सर सामान्य रहेगा. श्रावण मास के बाद अच्छा योग बन रहा है. आर्थिक दृष्टि से मजबूती मिलेगी.

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